कैंट बोर्ड में CBI का छापा,
भूमाफियाओं से यारी पड़ने लगी है भारी
मेरठ कैंट बोर्ड पर गुरूवार की दोहपर बाद सीबीआई की टीम ने छापा मारा। छापे की कार्रवाई से कैंट बोर्ड के अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। सीबीआई के दस्ते के अचानक पहुंचते ही कैंट बोर्ड में भगदड़ मच गयी। लेकिन इस बीच एक इंस्पेक्टर को दबोच लिए जाने की जानकारी सूत्रों द्वारा दी गयी है, लेकिन इसकी अधिकारिक पुष्टी सीबीआई के स्तर से नहीं की जा सकी है। हालांकि माना जास रहा है सीबीआई का आज गुरूवार को पड़े छापे की वजह कैंट प्रशासन के कुछ उच्च पदस्थ अफसरों की भूमाफियाओं की यारी संभव है। तमाम कायदे कानून ताक पर रखकर भूमाफियाओं की मदद को कैंट प्रशासन के अफसर जिस प्रकार से तमाम कायदे कानून ताक पर रखे हुए हैं देश भर की छावनियों में वैसी कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। भूमाफियाओं को कैंट अफसरों के अभयदान की शिकायत कुछ आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा सीबीआई को गोपनीय पत्र भेजकर की गयी थी। साथ ही पूरी कारगुजारियों की विस्तार से जानकारी भी उस गोपनीय पुत्र में दी गयी थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि सीबीआई की आज की कार्रवाई उसी संदर्भ में है।
कमांडर के आदेश बेमाने
भूमाफियाओं की कैंट अफसरों पर यारी अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त रूख अख्तार करने वाले कमांडर के आदेशों पर भी कई बार भारी पड़ जाती है। कैंट बोर्ड के विगत एक बैठक में कमांडर बोर्ड बैठक में अध्यक्षता करते हुए आबूलेन बंगला नंबर 182 जय प्लाजा में अवैध निर्माण पर नजर रखने की हिदायत दी थी, लेकिन बजाए नजर रखने के कैंट बोर्ड के अफसरों ने जय प्लाजा का अवैध निर्माण पूरा कराने का काम किया। जय प्लाजा में जिस अवैध निर्माण के शुरू होने पर सील लगायी गयी थी, उस अवैध निर्माण पर दूसरी सील तब लगायी गयी जब वह अवैध निर्माण पूरा करा दिया गया। उसके बाद अवैध निर्माण करने वाले भूमाफिया कैंट बोर्ड के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए।
क्या सीबीआई करा सकेगी ध्वस्त
सीबीआई के छापे के बाद अब बड़ा सवाल यही पूछा जा रहा है कि क्या जय प्लाजा में कुछ दिन पहले कराए गए अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जा सकेगा। इसको लेकर रक्षा मंत्रालय को की गयी शिकायतों के बाद कुछ अफसर यहां जांच के लिए आए थे। उन्होंने मौके पर पहुंचकर मुआयना किया। तमाम साक्ष्य जुटाए। यह बात अलग है कि तमाम कार्रवाई के बाद भी कैंट बोर्ड भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई के मूड में नजर नहीं आता। जय प्लाजा के समेत कई अन्य मामलों खासतौर से बीआई लाइन बंगला 45 के अवैध निर्माण की जानकारी भी सीबीआई को दी गयी है।
लंबा है सिलसिला
कैट बोर्ड में सीबीआई की छापों की यदि बात की जाए तो इसका सिलसिला काफी लंबा व पुराना है। कैंटोनमेट हास्पिटल का दवा घोटाला, कैंट बोर्ड का भर्ती घोटाला, कैंट क्षेत्र में अवैध निर्माण, राजस्व हानि के मामले तथा पूर्व में तत्कालीन डायरेक्टर मध्य कमान डीएन यादव द्वारा होटल 22-बी समेत जितने भी मामलों की जांच की गयी, उन का सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया जाना और हाल फिलहाल में विज्ञापन का ठेका दिए जाने को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं।