कैंट बोर्ड-पहले शिकायत अब सौदे का खेल, मेरठ कैंट बोर्ड की कारगुजारियों की रक्षा मंत्रालय में शिकायत करने वाले अब सौदे के खेल में लग गए हैं। यहां बात की जा रही है डोर टू डोर ठेकेदार को बैक डेट में पेमेंट के मामले की। पूर्व उपाध्यक्ष के साथ मीडिया के समक्ष मामले को उजागर करने वाले मेंबर की चुप्पी पर हैरानी है। माना जा रहा था कि बोर्ड की पिछली बैठक में इसको लेकर मजबूती से मसले को मीडिया के समक्ष उठाने वाले मैंबर कार्रवाई के लिए बात रखेंगे, लेकिन कार्रवाई तो दूर जिक्र करना तक मुनासिब नहीं समझा। इसके इतर इस मुददे को लेकर निशाने पर आए, सेनेट्री सेक्शन के इंस्पेक्टर की बलि जरूर ले ली गयी। सवाल तो बनता है कि डोर टू डोर ठेकेदार के खिलाफ शोर शराबा इसीलिए किया गया था ताकि वह प्रेशर में आ जाए और बाद में सेटिंग कर कुछ गेटिंग कर ली जाए। इसको लेकर स्टाफ में भी आम चर्चा है, चर्चा है तो इसकी जांच कराने में कुछ बुराई भी नहीं, लेकिन बड़ा यही कि डोर टू डोर ठेकेदार को किस के इशारे पर व क्यों संरक्षण दिया जा रहा है। जितना गंभीर यह मामला है उसके बाद तो डोर टू डोर ठेकेदार को सिखचों के पीछे होना चाहिए था। यह मामला रेवेन्यू हानि से जुड़ा है और डोर टू डोर ठेकेदार इसका मुख्य किरदार, जिस पर कम से कम डोर टू डोर का ठेका निरस्त सरीखी व एफआईआर सरीखी कार्रवाई की उम्मीद इस मामले से जुड़े तमाम लोग रख रहे हैं, यह बात अलग है कि बजाए कार्रवाई के शोर शराबा करने वालों नेे अब जिक्र तक करना बंद कर दिया, जिसकी वजह से सवाल उठ रहा है। हालांकि कैंट बोर्ड-मान लिया बैक डेट में पेमेंट, कैंट बोर्ड मेरठ के डोर टू डोर ठेकेदार को पेमेट में घोटाला यानी बैक डेट में पेमेंट किए जाने के आरोपों पर मोहर लग गयी है। यह बात मान ली गयी है। ठेका हुआ 9 अगस्त 2021 को और पेमेंट बैक डेट यानि पहली अप्रैल से कर दी गयी। मामले की हकीकत जानने को सदस्य डा. सतीश शर्मा को भी काल की गयी, लेकिन काल रिसीव नहीं हुई।