कैंट बोर्ड: खेल पर कमांडर सख्त, छावनी क्षेत्र में आयी अवैध निर्माणों की बाढ़ के पीछे मेरठ कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन का खेल बोर्ड अध्यक्ष के सामने बे-पर्दा हो गया है। जिसके बाद इंजीनियरिंग सेक्शन के बड़े साहब के पेंच कस दिए गए हैं। तमाम अवैध निर्माणों पर उनसे फोटो के साथ मय साक्ष्य के कैँट बोर्ड की अगली बैठक में रिपोर्ट के साथ पेश होने को कहा है। हालांकि जानकारों का कहना है कि इंजीनियरिंग सेक्शन के बड़े साहव के लिए यह कोई नई बात नहीं। इससे पहले भी कैंट बोर्ड में ऐसे कई अधिकारियों को मैनेज कर चुके हैं, जिन्होंने इंजीनियरिंग सेक्शन को अवैध निर्माणों को लेकर कटघरे में खड़ा कर न केवल बेपर्दा किया है, बल्कि कई मामलों में कार्रवाई की है। आरोप है कि अवैध निर्माणों को लेकर जिस तरह से अरसे से बोर्ड अध्यक्ष के समक्ष अनर्गल रिपोर्ट पेश की जा रही थीं, इंजीनियरिंग सेक्शन के बड़े साहब के उस खेल पर से पर्दा उठ गया है। शायद यही कारण है जो बोर्ड के पिछली बैठक में कमांडर ने सख्त लहजे में आबूलेन स्थित 182 के बहुमंजिला कांप्लैक्स के अवैध निर्माण पर नजर रखने का फरमान इंजीनियरिंग सेक्शन के स्टाफ को सुना दिया है। साथ ही यह भी आदेश दिए हैं कि बोर्ड की अगली बैठक में इस पर फाेटो के साथ रिपोर्ट पेश की जाए। बताया जाता है कि अवैध निर्माणों को लेकर कमांडर इसलिए भी सख्त हैं वह नहीं चाहते कि 22बी सरीखी फजीहत दोबारा हो। उल्लेखनीय है कि 182 में इंजीनियरिंग सेक्शन के बड़े साहब ने कमांडर को गुमराह करने करते हुए कहा था कि वहां कोई अवैध निर्माण नहीं हो रहा है,वहीं 22बी प्रकरण में भी इंजीनियरिंग सेक्शन की कारगुजारियों की वजह से हुई किरकिरी भी नाराजगी का कारण बतायी जा रही है। सील लगाने में देरी और उसके बाद के तमाम घटनाक्रम को लेकर सीधा सवाल इंजीनियरिंग सेक्शन पर ही उठाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर यदि अवैध निर्माणों की बात की जाए तो केवल 22बी के इतर करीब 575 से ज्यादा ऐसे अवैध निर्माणों की सूची है, जो जांच के दायरे में है। डीएन यादव की जांच रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख है। जो आने वाले समय में एई पीयूष गौतम की गले की फांस बनेगा।