कैंट बोर्ड: नाले नालियों पर कब्जे का सौदा, अवैध कब्जे हटाने के नाम पर सरकार से मोटी तनख्वाह पाने वाले कैंट बोर्ड के कर्मचारी ही लालकुर्ती इलाके में नाले नालियों पर कब्जे करा रहे हैं। इसके लिए राजस्व निरीक्षक हितेश कुमार ने खुली बोली का विकल्प रखा है। सीईओ कैंट इससे बेखबर हैं, ऐसा भी नहीं माना जा सकता, क्योंकि आरटीआई एक्टिविस्ट व भाजपा नेता पुनीत शर्मा ने लालकुर्ती इलाके में नाले नालियों पर अवैध कब्जे के इस खेल की शिकायत करते हुए उन्हें एक पत्र लिखा है जिसमें राजस्व निरीक्षक हितेश कुमार पर नाले नालियों को बेचने के गंभीर आरोप लगाए हैं। सीईओ कैंट को यह भी याद दिलाया गया है कि उनके कार्यकाल में कैंट बोर्ड भ्रष्टाचार में देश भर की छावनियों में सबसे अव्वल है। सीईओ को अवगत कराया गया है कि तहबाजारी पर्ची की आड़ में लालकुर्ती क्षेत्र में खोखे रखवा कर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे कराए जा रहे हैं। इसके लिए सौदे का रेट प्रति खोखा चार लाख का रेट तय किया गया है। लोगों का कहना है कि मेरठ कैंट बोर्ड के इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि खुलेआम नाले नालियों व सरकारी जमीन पर कब्जे का रेट तय किया गया है। रेट ही नहीं तय किया गया है, बल्कि वहां अवैध कब्जे भी कराए जा रहे हैं। अवैध कब्जों के इस खेल में क्षेत्र के लोग अब तो कैंट बोर्ड में मनोनीत सदस्य व भाजपा नेता डा. सतीश शर्मा की चुप्पी पर भी सवाल उठा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जो खुला पत्र सीईओ के नाम भेजा गया है उसमें श्री ज्योति कुमार को अवगत कराया है कि चार खोखे डाले जाने का सौदा हितेश ने कुल पचास लाख में तय किए जाने की चर्चा आम है। कैंट बोर्ड की प्रस्तावित बोर्ड बैठक में कथित अवैध कब्जों के लिए चारों खोखों की अनुमति भी ऐजेंडा में शामिल है। बोर्ड में यदि अनुमति मिल जाती है तो साफ है कि भ्रष्टाचार के इस खेल में पूरा कैंट बोर्ड प्रशासन शामिल है।