मेरठ। एक ठेकेदार के अफसरों पर रिश्वत के गंभीर आरोपों के बाद गाजियाबाद से आए सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो)के अफसरों की टीम ने लालकुर्ती के माल रोड स्थित सीडीए के तीनों कार्यालयों में फाइलों को खंगाल डाला है। सीबीआई के छापे के बाद कैंट प्रशासन के आला अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। लेकिन कोई भी अफसर सीबीआई के छापे को लेकर आन दा रिकार्ड तो छोड़िए आफ दा रिकार्ड भी बात करने को तैयार नहीं। गुरूवार को ज्यादातर अफसरों के मोबाइल स्वीअआफ या फिर आउटआफ रेंज जाते। संपर्क करने पर बताया गया कि साहब मिटिंग में हैं या फिर सरकारी टुअर पर हैं। सीबीआई की टीम बीते बुधवार माल रोड स्थित सीडीए आफिस पहुंची थी। सीबीआई अफसरों के सीडीए आफिस में दाखिल होने के बाद अंदर से कोई बाहर ना जा सके.. बाहर से कोई अंदर ना आ सके.. की तर्ज पर आफिस के मेनगेट पर सख्त पहरा बैठा दिया गया। जो भीतर था वो भीतर रह गया और जो बाहर थे उन्हें गेट पर तैनात पुलिस वालों ने भीतर नहीं जाने दिया। किसी भी कारण से जो आफिस से बाहर थे, वो शुक्र मना रहे हैं कि अच्छा हुअ सामना करने से बच गए, पता नहीं सीबीआई वाले किससे किस के बारे में क्या सवाल पूछ लें।
ठेकेदार की शिकायत पर गाजियाबाद से पहुंची है अफसरों की टीम
सीबीआई के छापे के बाद स्टॉफ गायब
तमाम अफसरों के मोबाइल स्वीचआफ या आउटआफ
ठेकेदार की शिकायत पर पहुंचे सीबीआई अफसर
सीडीएम में छापे के पीछे सीडीए के एक ठेकेदार की ओर से की गई रिश्वत मांगने की शिकायत है। यह ठेकेदार अरसे से सीडीए के लिए काम कर रहा है। इसकी मोटी रकम का पेमेंट सरकारी खजाने से होना है। सूत्रों की मानें तो इसकी पेमेंट की फाइल पर कई आपत्तियां लगा दी गयी हैं। जिसके चलते पेमेंट रोक दिया गया है। जानकरों की मानें तो पेमेंट क्योंकि करोड़ों का है इसलिए सुनने में आया है कि उसी अनुपात में ठेकेदार के सामने डिमांड भी रखी गयी, लेकिन जो डिमांड रखी गयी वह गैरमुनासिब लगी तो ठेकेदार अपने एक करीबी मित्र जो सीबीआई देहरादून में कार्यरत बताया जाता है, कि मार्फत सीबीआई के गाजियाबाद आफिस पहुंच गया और ठोस सबूतों के साथ रिश्वत मांगने की शिकायत का पुलिंदा वहां सौंप दिया। बताया जाता है कि उसकी के बाद यह कार्रवाई की गयी है। इस कार्रवाई में कितनों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है यह अधिकृत रूप से पता नहीं चला है, लेकिन सीडीए के दो लोग रडार पर बताए गए हैं, जबकि जिनसे पूछताछ की जानी हैं उनकी संख्या दो दर्जन बतायी गयी है। दरअसल ये सभी वो हैं जिनके नाम ठेकेदार द्वारा बताए गए बताए जाते हैं।
यहां भी पहुंचे अफसर
रिश्वत के आरोपों की जांच के लिए सीबीआई के अफसर सीडीए फंड, सीडीए आर्मी और सीडीए पेंशन आफिस भी पहुंचे, लेकिन कहां से क्या साक्ष्य जुटाए इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है। बताया गया है कि सरकारी टेंडरों का सारा काम वैसे सेंट्रल गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में ही होता है।
मेरठ और कैंट से सीबीआई का पुराना है नाता
कैंट बोर्ड में तीन बार छापा मार चुकी है सीबीआई, एक बार जीएसटी आफिस में भी छापा

सीबीआई और मेरठ खासतौर से कैंट बोर्ड से सीबीआई का रिश्ता काफी पुराना है। बीते कुछ समय में भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सीबीआई वाले तीन बार कैंट बोर्ड पर छापा मार चुके हैं। इसमें सीडीए की कार्रवाई को शुमार कर लिया जाए तो यह संख्या चार तक पहुंच जाती है। सीबीआई ने करीब एक दशक पहले कैंट बोर्ड के सेनेट्री सेक्शन में भर्ती मामले को लेकर इंस्पेक्टर योगेश यादव को अरेस्ट किया था। उसके घर व दफ्फर की तलाशी ली गई थी। बाद में उनकी गिरफ्तारी दिखाकर जेल भेज दिया गया। सीखचों से बाहर आने के लिए उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद कैंटोनमेंट हॉस्पिटल के दवा घोटाले को लेकर सीबीआई के अफसरों ने कैंटोनमेंट हॉस्पिटल व कैंट बोर्ड पर एक साथ दबिश दी थी। उसके बाद डोर टू डोर ठेके मामले को लेकर सेनेट्री सेक्शन के हेड से भी सीबीआई ने उन्हें बुलाकर पूछताछ की थी। नवंबर 2023 को भी सीबीआई की टीम कैंट बोर्ड पहुंची थी। सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम ने सेनेटरी सेक्शन के एक इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया। सेनेटरी इंस्पेक्टर अभिषेक की फोन रिकॉर्डिंग के आधार पर उसके खिलाफ भी जांच शुरू कर दी गई। अभिषेक की तलाश में इस बीच सीईओ ज्योति कुमार ने भी सीबीआई के कहने पर उससे संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उसने फोन नहीं रिसीव किया था।
इसके अलावा इसी साल बीती 23 फरवरी को सीबीआई टीम ने शाम के वक्त चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पास मंगल पांडेनगर स्थित केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) कार्यालय पर छापा मारा था। अफसरों ने वहां के एक चालक को हिरासत में लेकर सीजीएसटी के गेस्ट हाउस में पूछताछ की थी। वैसे जिन दो अधिकारी की तलाश में सीबीआई पहुंची थी वो दोनों भनक लगते ही मौका पाकर वहां से भाग गए। उस घटना के बाद सीबीआई वाले अब सीडीए पहुंचे हैं।
विस्फोट के साथ फटा कैमिकल टैंक