
नई दिल्ली। पहलगाम हमले के जवाब देने के लिए सीमा पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद इंडियन नेवी के एक्शन के चलते ही पाकिस्तान सीज फायर के लिए गिड़गिड़या। भारत के वॉर में फंसा पाकिस्तान इंडियन नेवी की तैयारियों पर भी बरामद नजर रखे हुए था। इंडियन नेवी के रूप में उसको अपना काल नजर आने लगा था। यह सब इतना आसान भी नहीं था। इंडियन नेवी के अफसरों को इसके लिए व्यापक चौबीस घंटे मेहनत कर तैयारी करनी पड़ी थी। उसके बाद ही पाकिस्तान घुटनाें पर आया। पहलगाम हमले के तुरंत बाद इंडियन नेवी हाईअलर्ट मोड में आ गयी थी। इसकी पुष्टि श्रीनगर में नेवी के एक उच्च पदस्थ आफिसर ने भी की है। उन्होंने खुलासा किया कि पाकिस्तान के कराची पोर्ट तो तबाह करने के लिए तोप तान रखी थी। इसके लिए अरब सागर में कई हथियारों के टेस्ट किए थे।
इंडियन नेवी की तैयारियों पर भी बरामद नजर रखे हुए था। इंडियन नेवी के रूप में उसको अपना काल नजर आने लगा
कई हथियार युद्ध के लिए समुद्र में तैनात
नौसेना के युद्ध वाहक ग्रुप, सरफेस फोर्स, पनडुब्बियां समेत कई हथियारों को युद्ध के लिए समुद्र में तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि हमने पहलगाम आतंकवादी हमलों के 96 घंटों के भीतर अरब सागर में कई हथियारों की फायरिंग के दौरान समुद्र में रणनीति और प्रक्रियाओं का परीक्षण और सुधार किया। इसका उद्देश्य दुश्मनों के निशाने पर सटीक हमला करना था। इंडियन नेवी की तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना और वायु इकाइयों को डिफेंस के लिए तैयार रहने पर मजबूर कर दिया। पाकिस्तानी सैन्यकर्मी उन बंदरगाहों के अंदर या तट के बहुत करीब तैनात हो गए जिस पर हमने नजर रखी थी। नेवी इस पूरे संघर्ष के दौरान बेहद सतर्क रही। उन्होंने कहा कि नौसेना द्वारा बल प्रयोग की योजना सेना और वायु सेना के साथ तालमेल में बनाई गई थी। नौसेना की तैयारी देख पाकिस्तान घुटने पर आ गया। इसके बाद पाकिस्तान सीजफायर पर सहमत हो गया।
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