सीएनजी यानि खतरा साथ-साथ

सीएनजी यानि खतरा साथ-साथ
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सीएनजी यानि खतरा साथ-साथ, मेरठ। जानी थाना क्षेत्र में रविवार की रात जिस सेंट्रो में आग लगी थी उसमें सीएनजी किट लगी थी। कार में लगी आग में चार लोग जिंदा जल गए। इस घटना के बाद सीएनजी और एलपीजी किट को लेकर लोगों में एक बार फिर से बहस छिड़ गयी है। सीएनजी या एलपीजी किट कितनी सुरक्षित है और कितनी असुरक्षित है, इससे जुड़े तमाम पहलुओं पर इस संवाददाता ने एक्सपर्ट की राय जानी साथ ही यह भी कि सीएनजी या एलपीजी किट लगवाने का कितना नफा या नुकसान है और इससे कैसे बचा जा सकता है। यदि सीएनजी किट की गाड़ी लेनी जरूरी लगती है तो फिर उसके लिए क्या-क्या एहतियाती काम करने चाहिए। सीएनजी गाड़ियों से जुड़ी इन्हीं तमाम बातों पर एक्सपर्ट से चर्चा की गयी।

परहेज बरतना मुनासिब

सीएनजी किट असुरक्षित और गैरकानूनी है। हालांकि पेट्रोल व डीजल के दामों में आयी तेजी के बाद सीएनजी व एलपीजी किट लगाने का चलन बढ़ा है। डिमांड देखते हुए सभी कंपनियां अब गाड़ियों में सीएनजी किट लगा रही हैं। केवल सीएनजी किट ही नहीं लगा रही हैं इस काम के अलग से एक लाख या इससे अधिक की रकम भी ग्राहक से वसूली जा रही है। एक्सपर्ट की यदि बात करें तो वो सीएनजी या एलपीजी किट के पक्ष में नहीं हैं। बोम्बे बाजार में कार सेल बेच का काम करने वाले ब्रजभूषण ने बताया कि  कंपनी सीएनजी या एलपीजी के नाम पर ग्राहक से केवल अधिक वसूली ही नहीं कर रही हैं बल्कि गाड़ी के इंजन की लाइफ के नजरिये से भी यह तकनीकि रूप से गलत है। आबूलेन स्थित हुंडई कार के शोरूम दास मोटर्स के पूर्व तक टैक्निकल मैनेजर गुलफाम अहमद जो छिपीटैंक पर अब अपनी खुद की वर्कशॉप चला रहे हैं उनका कहना है कि आम भाषा में सीएनजी और एलपीजी किट इंजन को खाती हैं मनसल उसकी कार्यक्षमता व जीवन यानि चलने की उम्र पर प्रभाव डालती हैं। साथ ही सीएनजी व एलपीजी किट लगी गाड़ियों में हर बार या जब भी सर्विस कराएंगे, कलपुजों पर अलग से खर्च करना होगा। जैसे पल्ग हर बार बदलवाना होगा। नहीं बदलवाओगे तो स्पार्किंग या फिर पटाखों की आवाज आएगी।  इसलिए महंगे तेल से थोड़ी सी राहत के नाम पर सीएनजी या एलपीजी किट को तवज्जो देना महंगा पड़ सकता है।

ये बरते सावधानी

वाहन/सामान के साथ सीएनजी किट का बीमा कवरेज कराना उचित है। सीएनजी लगी गाड़ी को हमेशा सीएनजी या एलपीजी किट वाली दूसरी गाड़ी से कम से कम 6 मीटर की दूरी पर पार्क करें। परिचालन निर्देशों के लिए हमेशा सीएनजी किट आपूर्तिकर्ता के मैनुअल को देखें और निर्माता द्वारा अनुशंसित के अलावा, स्वयं समस्या निवारण न करें। कार फाइनैंस के कारोबार से जुड़े नितिन जैन बताते हैं कि  पेट्रोल और डीजल के मुकाबले सीएनजी कार  को चलाना थोड़ा सस्‍ता पड़ता है।  जिस कारण बड़ी संख्‍या में लोग सीएनजी कार को खरीदते हैं। लेकिन सीएनजी कार के कुछ नुकसान भी होते हैं इसके साथ ही सुरक्षा  पर भी खतरा बढ़ जाता है। पेट्रोल की कीमतें पूरे देश में 100 रुपये लीटर के आस-पास हैं जिससे कई लोगों का बजट बिगड़ जाता है। ऐसे में आम आदमी के पास एक विकल्प होता है कि कार में सीएनजी किट लगवाई जाए जिससे थोड़ी राहत तो जरूर मिलती है। लेकिन बाहर से सीएनजी किट लगवाने में कुछ नुकसान भी होता है।

स्पेस डेमेज

भारत में पेट्रोल और डीजल के साथ ही सीएनजी से चलने वाली कारों का काफी ज्‍यादा उपयोग होता है। भले ही सीएनजी कार को चलाना थोड़ा सस्‍ता पड़ता है। लेकिन ऐसी कारों के कुछ नुकसान भी होते हैं। अगर सर्विस को समय पर नहीं करवाया जाता तो इससे इंजन के कुछ पार्ट काफी जल्‍दी खराब हो जाते हैं। लगातार इस तरह की लापरवाही के कारण कार का इंजन भी सीज हो सकता है। आमतौर पर सर्विस के दौरान पेट्रोल इंजन की सेटिंग ही देखी जाती है। वहीं सीएनजी के लिए अलग से सेटिंग को करवाया जाता है।

खतरे से खाली नहीं बाहर से सीएनजी का लगवाना

कंपनी में सीएनजी लगाते समय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है लेकिन आप बाहर से सीएनजी किट लगवाते हैं तो इस बात का ध्यान रखना काफी जरूरी हो जाता है कि जिस भी जगह से आप सीएनजी किट लगवा रहे हों वो सरकार की ओर से दी गई गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करें नहीं तो सीएनजी किट लगने के बाद आपके और आपके परिवार की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। बाहर से सीएनजी किट लगवाने की सबसे बड़ी समस्या ये होती है कि कार में सामान रखने की जगह बिल्कुल खत्म हो जाती है। कंपनी से सीएनजी लगी कार में इस तरह से सेटिंग की जाती है कि कार में सामान रखने के लिए थोड़ी जगह बच जाती है लेकिन बाहर से सीएनजी किट लगवाने पर ऐसा नहीं होता। ऐसे में लंबी यात्रा पर जाते समय सामान रखने में परेशानी होती है। सीएनजी कार का पिकअप पेट्रोल कार के मुकाबले कम होता है। कंपनी से सीएनजी के साथ आने वाली कारों में उसी तरह से सेटिंग की जाती है। लेकिन पुरानी कार में सीएनजी किट लगवाने के बाद पिकअप में कमी को साफतौर पर महसूस किया जा सकता है। कई बार जरूरत के समय पिकअप और पावर कम होने से परेशानी हो सकती है। सीएनजी कार का सही तरह से ध्‍यान न रखा जाए तो फिर इससे सुरक्षा पर भी खतरा बढ़ जाता है। कार में सीएनजी सिलेंडर और पाइप होती है, जिसके जरिए सीएनजी को सिलेंडर तक और फिर सिलेंडर से इंजन तक पहुंचाया जाता है। अगर इनकी नियमित तौर पर देखभाल न की जाए तो फिर लीकेज की समस्‍या हो सकती है। अगर लीकेज की समस्‍या हो जाए तो फिर आग लगने जैसे कई खतरे बढ़ जाते हैं। इससे बचने के लिए सीएनजी कार के सिलेंडर का हर तीन साल में टेस्‍ट  करवाया जा सकता है।
ये भी हैं नुकसान

ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण, सीएनजी जैसे बजट-अनुकूल विकल्प को चुनना एक आदर्श विकल्प लगता है। यदि आप सीएनजी का विकल्प चुनना चाहते हैं, तो आप दो स्थितियों में ऐसा कर सकते हैं। पहली स्थिति नई कार खरीदते समय है। यह संभवतः सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि आपको कार में पहले से ही सीएनजी किट लगी होगी। आपकी कार बीमा पॉलिसी में ईंधन का प्रकार सीएनजी लिखा होगा और आपकी कार की वारंटी निर्धारित अवधि तक वैध रहेगी।  दूसरा विकल्प अपनी मौजूदा पेट्रोल या डीज़ल कार में सीएनजी  किट लगाना है। इस स्थिति में, आपको कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। सबसे पहले, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपकी CNG किट असली है। जाँच लें कि इसकी स्थापना सही तरीके से की गई है और आपने अपनी कार बीमा पॉलिसी में ईंधन का प्रकार बदलवा लिया है। जब आप पेट्रोल या डीज़ल से चलने वाली कार खरीदते हैं, तो आपको सबसे नज़दीकी ईंधन स्टेशन के स्थान के बारे में शायद ही सोचना पड़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शहरों में ईंधन पंप एक दूसरे से कम दूरी पर उपलब्ध हैं। हालाँकि, यह सीएनजी स्टेशन के लिए सही नहीं हो सकता है। सीएनजी के लिए ईंधन भरने वाले स्टेशन आपके स्थान से बहुत दूर हो सकते हैं। साथ ही, अगर उनकी संख्या कम है तो आपको अपनी कार में ईंधन भरने के लिए कतार में खड़े होने में बहुत समय लग सकता है। अगर आप सीएनजी किट लेने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें।

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