कांग्रेस की यात्रा-निकलेगा कोई रास्ता, मिशन 2024 को लेकर राष्ट्रीय पटल पर जो कुछ नजर आ रहा है उसको देखकर तो यही लगता है कि सब कुछ इतना आसान नहीं है जितने दावे किए जा रहे हैं। पहले भाजपा की तिरंगा यात्रा और अब कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा सवाल पूछा जा रहा है कि इन यात्राओं से कोई रास्ता खासतौर से कांग्रेस के लिए कोई रास्ता निकल सकेगा या लोकसभा के पिछले चुनाव से ज्यादा बुरा हश्र होगा। भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को श्रीपेरंबदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की समाधि पर प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया। इसके बाद वह कन्याकुमारी में जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद थे, शामिल हुए। प्रियंका की लोगों से अपील । एक वीडियो संदेश में प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोगों से जहां भी संभव हो यात्रा में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यात्रा की जरूरत है क्योंकि देश में नकारात्मक राजनीति की जा रही है और लोगों के वास्तविक मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारे लिए सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। संसद का माध्यम नहीं है। कांग्रेस नेता, विपक्षी नेता संसद में भाषण नहीं दे सकते, हमारा माइक बंद है, हम चीन के हमले के बारे में बात करना चाहते हैं, नहीं कर सकते हैं, हम बेरोजगारी पर बात करना चाहते हैं, वह नहीं कर सकते, मुद्रास्फीति के बारे में बात करना चाहते हैं, वह नहीं कर सकते हैं। 200 से ज्यादा हस्तियों ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समर्थन का आग्रह देश से किया है। स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव सहित 204 लोग शामिल हैं। कांग्रेस की यात्रा पूरे देश में कांग्रेस से जुड़े लोगों और दूसरों को भी एकजुट कर सकती है। इस यात्रा से ‘भारत जोड़ो’ और ‘कांग्रेस जोड़ो’ दोनों ही लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। मेरठ में सड़क के बजाए कांग्रेसी बंद कमरों में यात्रा की चर्चा कर रहे हैं।