कोरोना खतरा-मेडिकल में मॉक ड्रिल, दिन सोमवार स्थान लाल लाजपत राय मेडिकल कालेज के सरदार बल्लभ भाई पटेल अस्तपाल में बच्चों के लिए बनाया गया पीकू वार्ड। पहले से सब अलर्ट पर हैं। सब कुछ रेडी पोजिशन में नजर आता है। मेडिकल के मीडिया प्रभारी डा. वीडी पांडेय ने बताया कि अचानक से सीधे डब्ल्यूएचओ अधिकारी डॉ. प्रिया बंसल वयस्क मरीजों के कोरोना वार्ड में पहुंची। वार्ड में मरीज को भर्ती कर देखा गया। मरीज के एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचने के बाद वार्ड में इलाज शुरु होने से भर्ती करने तक 4 मिनट का समय ऑक्सीजन देने तक लगा। सभी उपकरणों को संचालित किए गए।रिहर्सल की प्रभारी ने ऑक्सीजन प्लांट ऑक्सीजन सप्लाई की जांच की। इस दौरान कोविड अस्पताल प्रभारी डॉ.धीरज राज, डॉ सुभाष दाहिया,, डॉ. तरुण पाल, डॉ.नवरत्न गुप्ता, डॉ योगेश मानिक मौजूद रहे। ये तो बात हुई मेडिकल में कोरोना संकरण के दिन ब दिन बढ़ रहे खतरे की। अब बात की जाए तो तैयारियां आज परखी गयीं, उससे पहले क्या हालात थे। कोरोना की जब पहली लहर आयी थी उस वक्त न तो बीमारी की अधिक जानकारी थी और न ही इस बीमारी से लड़ने के लिए बतौर हथियार यूज में आने वाली दवाओं की। पहली लहर में संक्रमण की दर बेहद तेज थी, उस वक्त यहां स्वास्थ्य सेवाओं का दायित्व प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता के कंधों पर था। आज जो कुछ ठीक ठाक या अपडेट नजर आता है, उस वक्त यह सब नहीं था। डा. आरसी गुप्ता ने इसके लिए कड़ी मशक्कत की। उन्हें एक साथ कई मोर्चों पर निपटना पड़ रहा था। कोरोना का दावन तो मुंह खोले निगलने को तेजी से बढ़ ही रहा था, साथ ही डा. आरसी गुप्ता को इंटर्नल मैनेजमेंट भी दुरूस्त रखना पड. रहा था, क्योंकि कोरोना का वायरस डाक्टर, पैरा मेडिकल व मरीज सभी पर वार कर रहा था। इस सब से निपटने के लिए डा. आरसी गुप्ता को पसीना बहना पड़ा है।