सांसद संजय सिंह को मांग पत्र

kabir Sharma
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MEERUT/ अपार चैम्बर में आयोजित संवाद कार्यक्रम में पहुंचे AAP सांसद संजय सिंह उत्तर प्रदेश का बुनकर समुदाय, जो अपनी परंपरागत हथकरघा और पावर लूम कला के लिए देश-विदेश में प्रख्यात है, आज अभूतपूर्व आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह समुदाय, जो न केवल अपनी आजीविका के लिए बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान को जीवित रखने के लिए संघर्ष कर रहा है, अब सरकारी नीतियों के कारण गहरे संकट में फंस गया है। इस गंभीर स्थिति को देश के सर्वोच्च सदन तक पहुंचाने और बुनकरों की समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने के उद्देश्य से एजुकेशन एंड बुनकर विकास समिति ने मेरठ में विशेष संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें AAP राज्यसभा सांसद श्री संजय सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में पश्चिमी प्रांत के अध्यक्ष श्री सोमेंद्र ढाका और मेरठ जिला अध्यक्ष श्री अंकुश चौधरी ने भी शिरकत की। मंच पर महानगर अध्यक्ष अंकित गिरी मौजूद रहे। कार्यक्रम स्थल अपार चैंबर पहुंचने पर मेरठ जिला अध्यक्ष श्री अंकुश चौधरी के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी मेरठ के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं ने सांसद श्री संजय सिंह जी और श्री सोमेंद्र ढाका जी का जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन समिति के अध्यक्ष हबीब अंसारी जी ने किया। इसके पश्चात, समिति के अध्यक्ष श्री हबीब अंसारी ने सांसद श्री संजय सिंह, श्री सोमेंद्र ढाका और श्री अंकुश चौधरी का माला पहनाकर कार्यक्रम में स्वागत कर समिति की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया।

इस संवाद कार्यक्रम में बुनकर समुदाय के प्रतिनिधियों ने अपनी व्यथा को सांसद श्री संजय सिंह के समक्ष विस्तार से रखा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई नीतियों ने उनकी आजीविका को संकट में डाल दिया है। विशेष रूप से, जनवरी 2024 से बुनकरों के लिए वर्ष 2006 से चली आ रही फ्लैट रेट बिजली सुविधा को समाप्त कर मीटर रीडिंग के आधार पर बिल वसूलने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस बदलाव ने बुनकरों पर आर्थिक बोझ को कई गुना बढ़ा दिया है। मैनुअल लूम, जो पहले 130 रुपये प्रति हॉर्स पावर की दर पर संचालित होती थी, अब उस पर 800 रुपये प्रति हॉर्स पावर का शुल्क लिया जा रहा है—यह छह गुना से अधिक की वृद्धि है। इसके अलावा, पहले बुनकरों को 100 हॉर्स पावर तक की क्षमता के उपयोग की अनुमति थी, जिसे अब घटाकर मात्र 5 किलोवाट तक सीमित कर दिया गया है। इस सीमा ने उनके उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है और उनकी आजीविका को संकटग्रस्त बना दिया है।रेपियर लूम के मामले में भी स्थिति बेहद चिंताजनक है। 1 जनवरी 2024 से इन लूमों पर फ्लैट रेट सुविधा को समाप्त कर रीडिंग आधारित बिलिंग शुरू की गई है, जिसके परिणामस्वरूप बुनकरों की लागत इतनी बढ़ गई है कि उनका व्यवसाय चलाना अब लगभग असंभव हो गया है।

बढ़ते बिजली बिल और घटते मुनाफे ने बुनकर समुदाय की आर्थिक स्थिति को पूरी तरह चरमरा दिया है और अब बेरोजगारी का खतरा उनके सिर पर मंडरा रहा है। बुनकरों ने यह भी बताया कि सरकार द्वारा पावर लूम को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित करने से व्यवस्था जटिल और महंगी हो गई है, जिसका सीधा असर उनके छोटे-छोटे उद्यमों पर पड़ रहा है। इस संवाद कार्यक्रम में एजुकेशन एंड बुनकर विकास समिति के निम्नलिखित पदाधिकारी मुख्य रूप से मौजूद रहे खुरसीद, आलम, फैयाज अहमद, रासिद भ्य्या, ताहिर पार्षद, पूर्व पार्षद आस्मोहम्मद, असरफ, मुजाहिद, मुस्तफा, उम्मेद अली, सलीम अंसारी साथ ही, आम आदमी पार्टी मेरठ के निम्नलिखित पदाधिकारी भी उपस्थित रहे महानगर अध्यक्ष अंकित गिरी, जिला संरक्षक एसके शर्मा, जिला महासचिव जीएस राजवंशी, जिला उपाध्यक्ष मनोज शर्मा, किसान प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष फुरकान त्यागी, प्रदेश महासचिव अल्पसंख्यक प्रकोष्ट गुरमिंदर सिंह, जिला उपाध्यक्ष देश वीर जी, कैंट विधानसभा अध्यक्ष भरत लाल यादव, दक्षिण विधानसभा अध्यक्ष सलीम मंसूरी, जिला सचिव अनमोल कोरी, जिला सचिव कृष्ण शर्मा, चौधरी यसवीर, जिला सचिव यासीन मलिक, जिला सचिव आनंद दुआ, जिला कार्यकारिणी सदस्य सचिन वाल्मीकि आदि मौजूद रहे।

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