ई-रिक्शा-दावा और जमीनी हकीकत में अंतर,
मेरठ/शहर की जाम की वजह बनी ई रिक्शाओं के मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई अगले सप्ताह होगी। अवैध रिक्शाओं की वजह से शहर को उठानी पड़ रही मुसीबत को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज चौधरी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होनी है। इससे पहले इस जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव व मेरठ के पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को नोटिस देकर जवाब दाखिल करने को कहा था। हाईकोर्ट के नोटिस के बाद शासन में बैठे अफसरों ने प्रदेश भर में ई रिक्शाओं को लेकर गाइड लाइन की बात कही थी, यह बात अलग है कि अभी तक उसका असर नजर नहीं आया।
कोर्ट में दाखिल किया जवाब
आरटीआई पर हाईकोर्ट के नोटिस पर जवाब दाखिल करने का काम टैÑफिक पुलिस ने किया। टैÑफिक पुलिस के जवाब में कोर्ट को बताया गया है शहर के कुछ चौराहों को ई रिक्शा मुक्त कराया है। इन चौराहों के आसपास पांच सौ मीटर के दायरे में ई रिक्शा नजर नहीं आतीं। इसके अलावा जवाब में ई रिक्शाओं के लिए शहर में जोन व्यवस्था लागू करने व स्टीकर चस्पा किए जाने की भी जानकारी कोर्ट को दी गयी है। साथ ही बताया गया है कि बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं।
जमीनी हकीकत
कोर्ट को दी गयी जानकारी और जमीनी हकीकत में आरटीआई एक्टिविस्ट ने जमीन आसमान क अंतर बताया है। उन्होंने इसका जिक्र अपने प्रस्तावित रिजाइंटर में भी किया है। उन्होंने बतायाकि जिन चौराहों को ई रिक्शा मुक्त करने की बात कही गयी है उन चौराहों बेगमपुल और हापुड़ स्टैंड दोनों पर रिक्शा चालक उलटी रिक्शा दौड़ाते हैं। कई बार हादसे भी हो चुके हैं। सवारी के लिए ई रिक्शा चालक कहीं भी घुसने से गुरेज नहीं बरतते। इसके अलावा बेगमपुल चौराहे पर जिन इंतजामों का दावा किया गया है उनके भयंकर साइड इफैक्ट है। पीएल शर्मा रोड, शिवाजी रोड, बेगमबाग, थापर नगर, सोतीगंज और सदर कबाड़ी बाजार में अब भयंकर जाम रहने लगा है। इनसे भी ज्यादा बुरा हाल बेगमबाग की गलियों का है। बेगमबाग व शिवाजी रोड की गलियों में तो ई रिक्शाओं की एंट्री के चलते कई बार पैदल निकलना भी दुश्वार हो जाता है। इसके अलावा जिन जोन बनाने की जानकारी कोर्ट को दी गयी है वो व्यवस्था पूरे शहर में कहीं भी नजर नहीं आती। कुछ पर स्टीकर लगाए गए हैं लेकिन जिस रूट का जिक्र स्टीकर पर है उस रूट से बाहर ही नहीं बल्कि पूरे शहर में ऐसे ई रिक्शाएं दौड़ते भागते देखते जा सकते हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज चौधरी ने बताया कि पुलिस के जवाब पर उनकी आपत्ति व जवाब 16 जनवरी को कोर्ट में दाखिल किया जाएगा।
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