मेरठ। श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर दुर्गाबाड़ी में प्रबंध समिति के चुनाव व अन्य कई मामलों के चलते अपनी जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने वाली थाना सदर बाजार पुलिस गिरफ्तारी के मामले में दो कदम आगे चार कदम पीछे चल रही है। पुलिस के रवैये के चलते अब डीआईजी ने इस मामले की केस डायरी तलब कर ली है। डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटी के यहां करीब छह साल लंबित रहे उक्त मामले में सहयोग न करने के चलते डिप्टी रजिस्ट्रार ने ही सीओ सदर को मामले में कार्रवाई को कहा था। बाद में एडीजी के निर्देश पर पुलिस ने जांच की। जांच ठोस साक्ष्य हाथ् लगने के बाद सुनील जैन, मृदुल जैन, अनिल बंटी व रंजीत जैन के खिलाफ तमाम गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। यह मुकदमा एसएसपी के आदेश पर सीओ सदर के स्तर से दर्ज कराया गया। मुकदमा दर्ज किए 17 दिन बीत जाने के चलते इस मामले के अभियुक्तों की गिरफ्तारी न किए जाने का संज्ञान शनिवार को डीआईजी ने ले लिया है और केस डायरी तलब कर ली है। सोमवार को केस डायरी डीआईजी कार्यालय पहुंचेगी। वहीं दूसरी ओर एसएसपी ने सोमवार से मामले में कार्रवाई की बात कही है। उल्लेखनीय है कि डीआईजी सरीखे सीनियर अफसर द्वारा केस डायरी का तलब किया जाना थाना पुलिस की कार्रवाई पर सवाल के रूप में भी देखा जाता है।
एफआईआर के 17 दिन बाद भी अरेस्टिंग नहीं, डीआईजी ने तलब की केस डायरी
मंदिर में अभियुक्तों की कारगुजारी का खुलासा करने वाले ऋषभ एकाडेमी के सचिव डा. संजय जैन शनिवार को डीआईजी से मिले थे। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी डीआईजी को दी। डीआईजी ने भी माना कि मामला वाकई संगीन है और जब जांच के बाद एफआईआर दर्ज की गयी है तो गिरफ्तारी ना किया जाना और भी ज्यादा गंभीर है। कार्रवाई को लेकर यदि पुलिस पर किसी प्रकार के पक्ष पात का आरोप लग रहा है तो वह भी जांच का विषय है, क्योंकि पुलिस की भूमिका पूरे मामले में निष्पक्ष होनी चाहिए। जब एफआईआर दर्ज हो चुकी है तो उसके बाद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के अलावा कोई काम शेष नहीं रह जाता।
इन पर भी शिकंजे की तैयारी
इस बीच जानकारी मिली है कि दो अन्य पर भी पुलिस शिकंजे की तैयारी कर रही है। जो एफआईआर थाना सदर बाजार पुलिस ने दर्ज की है उसमें सप्लीमेट्री तय मानी जा रही है। जिन दो नामों पर शिकंजे की चर्चा है उनमें भंडारी विजय कुमार जैन सनमति व दूसरा नाम सुशील चावल है। सूत्रों ने बताया कि सुशील चावल व विजय सनमति को कभी भी पुलिस तलब कर सकती है। याद रहे कि पुलिस का तलब किया जाना सीधे गिरफ्तारी या फिर एफआईआर होती है।
डा. वाजपेयी शामिल हुए तिरंगा यात्रा में
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