DIG वर्दी पर सख्त-कंट्रोल रूम देखा

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DIG वर्दी पर सख्त-कंट्रोल रूम देखा,

मेरठ/हापुड़ कंट्रोल रूम के सालाना निरीक्षण को पहुंचे डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बगैर वर्दी नजर आने वाले पुलिस कर्मियों को हमेशा वर्दी में रहने की हिदायत दी। इसके अलावा उन्हेंने कहा कि डीसीआर/सीसीआर में नियुक्त अधिकारी व कर्मचारियों को जनपद की भौगोलिक स्थिति की जानकारी होनी चाहिए। सालान निरीक्षण में डीआईजी नैथानी ने कन्ट्रोल रूम/डायल-112 के निरीक्षण के अलावा पुलिस पेन्शनर्स की गोष्ठी भी की।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह, एएसपी विनीत भटनागर भी मौजूद रहे। डीआईजी ने संचार दुरूस्त बनाए रखने को लेकर जरूरी जानकारियां भी दीं। उन्होंने कहा कि
ट्रैफिक कंट्रोल रूम को सीसीटीवी कंट्रोल रूम से कनेक्ट करें ताकि किसी भी घटना पर त्वरित हो कार्यवाही। सभी चौकी इंचार्जों का लोकेशन रात्रि के अतिरिक्त दिन में भी आकस्मिक रूप से कम से कम दो 02 बार अवश्य लिया जाये। चौकी इंचार्जों के सीयूजी नंबर की सूची डीसीआर/सीसीआर तथा डायल-112 में चस्पा होनी चाहिए। चौकी इंचार्जों के सीयूजी नंबर पर भी संपर्क स्थापित किया जाए। सीयूजी बन्द मिलने पर स्पष्टीकरण प्राप्त करने हेतु एआरओ संबंधित जनपद प्रभारी को दें। आरआई रेडियो सीसीआर/डीसीआर में नियुक्त आॅपरेटर के कार्य वितरण का चार्ट तैयार कर चश्पा करे। पीआरवी-112 के वाहनों का संवेदनशीलता के आधार पर रूट का निर्धारण अवश्य करें। एक ही स्थान पर बार-बार एवं लंबी अवधि के लिए ड्यूटी ना लगाई जाए। रिजर्व में एक ही कर्मचारी की बार-बार ड्यूटी ना लगाई जाए व एक ही व्यक्ति को अधिक समय तक रिजर्व न रखें । किसी भी कर्मी को ऐसे थानों की पीआरवी में नियुक्त न किया जाये जिन थानों में वह यूपी-112 की नियुक्ति से पूर्व तैनात रहा हो ।
पेंशनर्स से पूछी समस्याएं
डीआईजी ने पेंशनर्स के साथ गोष्ठी की। उनकी समस्याएं पूछीं। उन्होंने बीट आरक्षी की बीट बुक में पेंशनर्स का विवरण अंकित करने को कहा, जिससे बीट आरक्षी नियमित रूप से उनसे मिलते रहे। पेंशन प्रकरणों से सम्बन्धित लिपिक को समय से प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय प्रेषित किया जाए। गोष्ठी में पेन्शनर्स से वार्ता कर उनकी समस्याओं के त्वरित निस्तारण करने तथा प्रत्येक माह थाना स्तर पर पेन्शनर्स मासिक गोष्ठी के निर्देश दिए। साथ ही पेन्शनर्स की समस्यओं का समाधान थाना स्तर पर ही किए जाने को कहा ताकि उन्हे मुख्यालय आने की असुविधा न उठानी पड़े।

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