बीमार ट्रैफिक सिस्टम का इलाज करेंगे DIG

बीमार ट्रैफिक सिस्टम का इलाज करेंगे DIG
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बीमार ट्रैफिक सिस्टम का इलाज करेंगे DIG,

मेरठ/ट्रैफिक के कायदे कानून तोड़ने के जो आदि बन चुके हैं उनकी खैर नहीं। अब एक से ज्यादा बार चालान होने पर स्वत: ही डीएल कैसिल हो जाएगा। इसकी सूचना पुलिस पर भी होगी। वारदातों में प्रयुक्त की जाने वाली गाड़ियों पर भी नजर रखी जाएगी। शहर के बीमार टैÑफिक सिस्टम के इलाज के लिए डीआईजी कलानिधि नैथानी ने चार्ज के बाद दूसरी बार इस पर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। शनिवार को डीआईजी नैथानी ने सुरक्षा एवं यातायात इंतजामों की नव्ज टटोली।
जनपद की आईटीएमएस (इंटेलीजेन्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) व्यवस्था की कार्य दक्षता एवं इंफ्रास्ट्रक्चर का आकलन किया। इस मौके पर एसएसपी डा. विपिन ताडा व एसपी ट्रैफिक राघवेन्द्र कुमार मिश्रा मौजूद रहे। डीआईजी नैथानी ने इस मौके पर जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने आटोमैटिक नम्बर प्लेट रीडर सॉफ्टवेयर को अपग्रेड कर आईटीएमएस सिस्टम के माध्यम से फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर रोड पर चलने वाले वाहन चालकों के वाहनों को चिन्हित कर कार्यवाही को कहा। इस सिस्टम के तहत कहां कहां अतिरिक्त कैमरे लगवाये जाने हैं, विशेष तौर से दिल्ली रोड, बागपत रोड, रोहटा रोड, लिसाढी रोड, सरधना रोड, दौराला रोड व अन्य को अच्छे से परिवहन विभाग व नगर निगम के साथ मिलकर प्लानिंग कर लिया जाये जिससे यातायात व्यवस्था सुगम व सुचारू की जा सके।
प्रमुख चौराहों पर पीए सिस्टम पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि चौराहों पर जाम की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए अनाधिकृत रूप से खड़े होने वाले वाहनों को चौराहों पर लगे लाउडस्पीकर (पीए सिस्टम) का प्रयोग कर हटवाए। ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। वारदातों में प्रयुक्त किये जाने वाले वाहन, चोरी हुए वाहन एवं लूटे हुए वाहन आदि का डाटा पुलिस की अपराध शाखा एवं जिला अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो से जुटाया जाए तथा ऐसे वाहनों को सॉफ्टवेयर से चिन्हित कर आईटीएमएस सिस्टम अपने एलर्ट मोड पर रखेंगे। रियल टाइम लोकेशन को सम्बन्धित थानों से साझा कर वाहनों की धरपकड़ / बरामदगी कराने के निर्देश दिये गये। जनपद में पंजीकृत समस्त वाहनों का डाटा एकत्रित करके यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों की पहचान कर कार्यवाही को कहा। इससे दो पहिया वाहन पर चार पहिया वाहन का नंबर डालने वाले और चार पहिया वाहन पर दो पहिया वाहन का नंबर डालने वाले के विरुद्ध भी आसानी से कार्रवाई की जा सकेगी। डीआईजी ने बताया कि चोरी/लूट में प्रयोग किये गये वाहनों की बरामदगी हेतु आईटीएमएस सिस्टम से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज, रियल टाइम लोकेशन के डाटा का प्रयोग किया जाये, इस प्रकार के वाहनों को चौराहे पर देखते ही चिन्हित करते हुये अगले चौराहे पर गाडी को थाना पुलिस, यातायात पुलिस, यू०पी०-112 की मदद से जब्त करें। लाइव बैकअप की स्टोरेज बढाने एवं सिस्टम के माध्यम से प्राप्त फुटेज, वीडियो क्लिप, रियल टाइम लोकेशन का डाटा विवेचकगण द्वारा विवेचना में साक्ष्य के रूप में अपराधियों के विरूद्ध प्रयोग किये जाने के निर्देश दिये गये। यदि किसी व्यक्ति का सामान आटो, टेंपो, टैक्सी में छूट जाए तो कंट्रोल रूम के माध्यम से वापस दिलाने में मदद करे व इसके लिए यूपी-112 से जोड़ा जाए।

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