मेरठ/ कालेजों में मूल तैनाती से के बजाए सेटिंग गेटिंग के चलते सालों से तीन लिपिक डीआईओएस में (जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय) मलाईदार सीटों पर जमें हैं। इन्हें परीक्षा सरीखे बेहद महत्वपूर्ण पटल दिए गए हैं। जिन स्कूलों में इनकी मूल तैनाती है वहां काम ना करके जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में इनकी तैनाती किस वजह से की गयी है। संबंधित तीनों लिपिकों की मूल तैनाती सरकार ने संबंधित कालेज की जरूरत को ध्यान में रखते हुए की है और ये तीनों सालों बजाए अपनी मूल तैनाती के बजाए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में मलाईदार सीटों पर जमे हुए हैं तो इनके स्थान पर जिनको लगाया गया है क्या उन्हें जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में क्यों नहीं लगाया जा सकता। जिन तीन को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं उनमें लिपिक जय प्रकाश यादव इनकी मूल तैनाती जीआईजी इंटर कालेज कायस्थ बढ़ला, लिपिक प्रीतम सिंह जीआईसी हस्तिनापुर व लिपिक पवन कुमार शर्मा जीआईसी गर्ल्स हस्तिनापुर शामिल हैं। पवन कुमार शर्मा का प्रमोशन हो चुका है लेकिन उन्हें रिलीव नहीं किया गया। इसकी वजह क्या है यह तो डीआईओएस ही स्पष्ट कर सकते हैं। जब उनसे इसको लेकर सवाल किया तो उनका कहना था कि प्रमोशन लेना ना लेना कर्मचारी की मर्जी पर है उसको बाध्य नहीं किया जा सकता, लेकिन जिन कालेजों में मूल तैनाती है, वहां कार्य ना लेकर लंबे समय से जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी के सवाल पर उन्होंने कुछ भी स्पष्ट नहीं बताया। ऐसा क्यों किया जा रहा है।
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