दो सौ नमाजियों पर एफआईआर दर्ज

दो सौ नमाजियों पर एफआईआर दर्ज
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दो सौ नमाजियों पर एफआईआर दर्ज,

मेरठ। ईद के मौके पर  दिल्ली रोड ईदगाह के बाहर राेड पर ईद की नमाज अता करने के मामले में थाना रेलवे रोड के उप निरीक्षक अपराध की तहरीर पर दो सौ अज्ञात नमाजियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। उपनिरीक्षक रामऔत्तार सिंह ने तहरीर में कहा है कि ईदगाह पर सुबह करीब सात बजे सौ से दो सौ लोगों की भीड़ सड़क के किनारे नमाज अता के लिए बैठे गए। उनके द्वारा तहरीर में कहा गया है कि 11 अप्रैल की सुबह वह शाही ईदगाह दिल्ली रोड पर डयूटी पर थे। लोकसभा चुनाव के मददे नजर धारा 144 लगी हुई थी। जिसके चलते सड़क पर नमाज अता करने से मना किया गया था, लेकिन मना किए जाने व समझाने के बाद भी वो नहीं माने और सड़क पर नमाज अता की। इससे यातायत अवरुद्ध हो गया था। उप निरीक्षक की तहरीर पर सौ से दो सौ अज्ञात  पर धारा 143, 186, 188, 283 व 341 भादंवि की धाराओ के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

यह हुआ था

दरअसल शाही ईदगाह पर हर साल नमाज के दौरान लोगों के अधिक पहुंचने व ईदगाह में जगह न होने की वजह से सालों से लोग सड़कों पर नमाज अता करते आए हैं। इस साल भी कुछ वैसा ही हुआ था। उन्हें जब रोका गया तो वहां हंगामा खड़ा हो गया था। इस मौके पर नौबत तनातनी सरीखी हो गयी थी। बाद में प्रशासन व पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा था।

महज दस मिनट की बात थी

तब  नमाज के पहले तकरीर करते हुए कारी शफीकुर्रहमान ने कहा कि कांवड़ में जिस तरह हिंदुओं को सहूलियत दी जाती है तो क्या हमें 10 मिनट नमाज के लिए सहूलियत नहीं दी जा सकती है। उलमा ने ईदगाह के बाहर नमाज न पढ़ने देने पर भेदभाव का आरोप लगाया। कहा कि हम मुल्क में किराएदार नहीं साझेदार हैं। कहा, चंद साल से कानून को एक तरफ रख देश की हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज्बातों के आधार पर फैसले किए जा रहे हैं।

खूब लगे थे नारे

नमाज के पहले नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर के नारे लगे थे।  कुछ लोग बांह पर काली पट्टी भी बांधे नजर आए थे।  बड़ी संख्या में लोग फलस्तीन झंडे लगे स्टीकर लगाए थे जिस पर लिखा था- शांति के लिए प्रार्थना फलस्तीन के लिए प्रार्थना करें। कारी शफीकुर्रहमान ने बिना किसी पार्टी का नाम लिए एक जगह एक मुश्त वोट डालने की अपील की।

शहर काजी ने जतायी थी नाराजगी

मेरठ शाही ईदगाह में शहर काजी जैनुस साजिदीन ने ईद की नमाज पढ़ने के बाद खुत्बा पढ़ते हुए कहा संविधान हर मजहब के लोगों को इबादत करने की आजादी देता है। ईद पर ईदगाह में ही नमाज पढ़ी जाती है। इधर कुछ सालों से ईदगाह के बाहर नमाज पढ़ने पर पाबंदी लगाई जा रही है। इस बारे में राष्ट्रपति और अल्पसंख्यक आयोग में गुहार लगाई गई है।

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