नई दिल्ली स्थित यशोंभूमि कन्वेंशन सेंटर में एशिया पैसिफ़िक तथा ऑल इंडिया ऑपथैल्मोलॉजी कांफ्रेंस में 4 अप्रैल को किया। पुस्तक का शीर्षक”क्लिनिकल एण्ड एप्लाइड एम्ब्रियोलॉजी ऑफ़ ह्यूमन आई (मानव आँख का नैदानिक और अनुप्रयुक्त भ्रूणविज्ञान) है

New Delhi. LLRM मेडिकल कॉलेज मेरठ के प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता द्वारा लिखित नेत्र विज्ञान की एक पुस्तक का विमोचन नई दिल्ली स्थित यशोंभूमि कन्वेंशन सेंटर में एशिया पैसिफ़िक तथा ऑल इंडिया ऑपथैल्मोलॉजी कांफ्रेंस में 4 अप्रैल को किया। पुस्तक का शीर्षक”क्लिनिकल एण्ड एप्लाइड एम्ब्रियोलॉजी ऑफ़ ह्यूमन आई (मानव आँख का नैदानिक और अनुप्रयुक्त भ्रूणविज्ञान) है। पुस्तक के मुख्य लेखक डॉ आरसी गुप्ता एवं सह लेखक सुभारती मेडिकल कॉलेज मेरठ के आचार्य डॉ संजीव कुमार है/ विमोचन के दौरान डॉआरसी गुप्ता ने बताया कि शरीर के विभिन्न अंगों के बनने और विकसित होने के कालानुक्रम को समझना एवं याद रखना चिकित्सा छात्रों के लिए सदैव ही एक चुनौती रही है। इस पुस्तक द्वारा नवजात शिशु के नेत्र संबंधी भ्रूण अवस्था से लेकर पैदा होने तक रोगात्मक तथा नैदानिक विसंगति को विस्तृत रूप से समझा जा सकता है।
इस पाठ्यपुस्तक में असामान्यताओं के कारण होने वाले नैदानिक विकारों जैसे अनुवांशिक करको के संबंध में उचित व विस्तृत जानकारी दी गई है। जिनको सरल आलेखों द्वारा, स्पष्ट अर्थ तथा चिकित्सा की दृष्टि से महत्वपूर्ण तरीके से सामान्य नेत्र विकास को बेहतर समझना बहुत ही आसान हो गया है। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक द्वारा सभी स्नातक, परा-स्नातक, वरिष्ठ व विशेषज्ञ चिकित्सकों को अनुप्रयुक्त भ्रूणविज्ञान को समझने में आसानी होगी। जिससे रोगियों का इलाज अधिक प्रभावी ढंग से तथा वैज्ञानिक आधार पर हो सकेगा। पुस्तक में अनुवांशिक कारकों द्वारा नेत्र तथ्यों को समझने हेतु बहुत ही प्रभावी ढंग से दृश्य आरेख दिये गये हैं, जिनके द्वारा उपरोक्त को अधिक समय तक याद रखे जाने में आसानी होगी।
उपरोक्त पुस्तक के विमोचन का कार्यक्रम अखिल भारतीय नेत्र रोग सोसायटी के अध्यक्ष,डॉ पार्थ विश्वास,महासचिव, डॉ संतोष होनावर, डॉ नम्रता शर्मा, अध्यक्ष, वैज्ञानिक समिति तथा एशिया प्रशांत नेत्र विज्ञान सोसाइटी के अन्य पदाधिकारी द्वारा संपन्न किया गया।
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