दस छावनी मर्ज मेरठ की बारी कब, रक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने देश की 62 में से दस छावनियां वहां के स्थानीय निकायों में कर्ज यानि शामिल किए जाने का नोटिफिकेशन आज जारी कर दिया है, लेकिन बड़ा सवाल यही कि देश की सबसे पुरानी छावनियों में और बड़ी छावनियों में शुमार मेरठ छावनी को कब नगर निगम मेरठ में शामिल किए जाने का नोटिस फिकेशन जारी होगा। इस काम में अब हो रही देरी की वजह से छावनी क्षेत्र की जनता बैचेनी महसूस करने लगी है। सदर समेत तमाम क्षेत्र के लोगों का कहना है कि मेरठ छावनी को नगर निगम में शामिल किए जाने पर देरी की वजह क्या है। क्या यह सब जानबूझ कर किया जा रहा है। क्षेत्र के लोगों ने भाजपा के सांसदों व विधायकाें समेत संगठन के तमाम लोगों से मांग की है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले मेरठ छावनी को नगर निगम मेरठ में मर्ज किए जाने की घोषणा की जानी चाहिए। इससे भाजपा को चुनाव में भी राजनीतिक लाभ और बड़ा राजनीतिक लाभ मिलेगा। इसमें यदि देरी की जाती है या फिर चुनाव होने तक इसको लटका दिया जाता है तो चुनावी लिहाज से नुकसान की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
लोगों में नाराजगी
दरअसल छावनी बोर्ड प्रशासन के निर्णयाें खासतौर से हाउस टैक्स सरीखे मामलों की वजह से लोगों में जबरदस्त नाराजगी है। नाम न छापे जाने की शर्त पर लोगों ने आरोप लगाए कि अंधाधुंध हाउस टैक्स बढा दिए गए हैं जबकि कैंट एक्ट 2006 में साफ प्रावधान है कि केवल बीस फीसदी तक ही बढाया जा सकता है। यदि इस पर कोई आपत्ति दर्ज होती है तो केवल दस फीसदी तक ही बढ़ाया जा सकता है। ऐसे तमाम मामले हैं जिनकों लेकर परेशान लोग चाहते हैं कि मेरठ छावनी घड़ी की चौथाई में नगर निगम मेरठ में मर्ज करा दी जाए। ताकि आम जन को राहत मिल सके।
बाजार बंद कर करेंग विरोध
मेरठ छावनी प्रशासन ने लालकुर्ती बाउंड्री रोड सरीखे इलाके नगर निगम मेरठ क्षेत्र में मर्ज करने को मना कर दिया है। हालांकि बोर्ड की बैठक में लिया गया है फैसला किसी के गले नहीं उतर रहा है। इस मामले को लेकर मंगलवार की लालकुर्ती पैठ एरिया के चारों व्यापार संघों की बैठक हुई और मांग की गयी कि पैठ एरिया भी नगर निगम में शामिल किया जाना चाहिए। किसी भी कीमत पर छावनी प्रशासन के इस फैसले को स्वीकार नहीं किया जा सकता।