ड्यूटी कुछ और काम कुछ और, घंटाघर बिजली घर टाउन हाल नगर निगम मेरठ पर कार्यरत कुछ कर्मचारी जो कंप्युटर ऑपरेटिंग के लिए रखे हुए हैं, वो कुछ समय से घंटाघर बिजली घर टाउन हाल मेरठ पर अवर अभियंता की अगुवाई में फ़ील्ड लाइन मेन की जगह घूमने और सराफा बाजार जैसे इलाक़ों में अवैध वसूली का काम कर रहे हैं। ऐसे आरोप इतिश्री भ्रष्टाचार के सचिन गुप्ता ने लगाए हैं। उनका कहना है कि जब इनका काम कंप्युटर ऑपरेटिंग करना है और इनको इलेक्ट्रिक के किसी काम की जानकारी नहीं है तो अवर अभियंता क्यों इनको साइड वगैरा या ट्रांसफार्मर फॉल्ट वगैरा के काम पर इनको भेजते हैं सीधा सीधा इनको अवरअभियंता का संरक्षण प्राप्त है जिसका ये कंप्युटर ऑपरेट करने वाला मनीष नाम का कर्मचारी फायदा उठा रहा हैं इस बात की जानकारी करने के लिए लगातर पिछले 1 घंटे से अवर अभियंता श्री पाल सागर के CUG नम्बर पर कॉल के माध्यम से बात करने की कोशिश की गई परंतु अवर अभियंता द्वारा कॉल रिसीव नहीं की जा रही क्या साइड पर जा कर साइड चेक करने का अधिकार अवर अभियंता का है या कर्मचारियों का अवर अभियंता विभाग से किस बात की तनखा ले रहे हैं जब सारा काम ही अपने कर्मचारियों से करवा रहे हैं वो भी वो कर्मचारी जो एक नम्बर के भ्रष्ट है। सचिन गुप्ता का आरोप है कि अवर अभियंता अगर आपसे अपने ऑफिस से भार निकल कर काम नहीं किया जा रहा तो इस्तीफा दे दो विभाग से विभाग आपको फ्री की तनखा नहीं देगा ये आपकी तनखा का पैसा जनता-जनार्दन का होता है फिर आपकी जरूरत ही नहीं फिर विभाग इन संविदा कर्मचारियों से ही सारा काम करवा लेगा या आप उस साइड को खुद जा कर चेक करते हो जहाँ आपको मलाई चाटने को मिलती हैं???? कृपा उच्च स्तरीय अधिकारी इस बात को सज्ञान में लेकर इसकी जांच करवाये जिससे स्पष्ट हो सके कि एक कंप्युटर ऑपरेट करने वाले कर्मचारी जिसको इलेक्ट्रिसिटी की बिना जानकारी के फिल्ड का काम अवर अभियंता की मिलीभगत या अवैध वसूली करने के लिए उतारा जाता है।
यह भी जरूरी है जानना: सचिन गुप्ता
विद्युत विभाग में बैठे भ्रष्ट अधिकारी अधिशासी अभियंता विद्युत नगरीय परीक्षण खंड 33/11 के वी उपखण्ड अधिकारी बेगम पुल मेरठ फिर आए चर्चाओं में अभी कुछ दिन पहले विद्युत नगरीय परीक्षण शाला प्रथम घंटाघर मेरठ के JMT की रिश्वत मामले को लेकर जांच की गई जिसमें JMT अशोक कुमार को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित किया गया था वही दूसरी तरफ अधिशासी अभियंता नगरीय परीक्षण खंड 33/11 के वी बेगम पुल मेरठ ने जांच में फिर झोल किया और निलंबित होने के बाद एक लेब के JMT को दूसरे लेब में अटैच कर दिया जो निगम नियमानुसार गलत ही नहीं भ्रष्टाचार को बढावा देना है जिसको लेकर RTI द्वारा अधिशासी अभियंता टेस्ट बेगम पुल से जवाब माँगा गया है देखना यह है कि अधिशासी अभियंता नियमानुसार जवाब देते हैं या अभी भी सिफारिशों का दोर चालु होते हुए RTI को दबाने के लिए प्रेशर बनवाया जाएगा।