मेरठ। एसएसपी की कड़ी हिदायत के बाद भी आतिशबाजी बनाने वाले बाज नहीं आ रहे हैं। दरअसल हुआ यह कि पहलगाम में आतंकियों के कायरना हमले के चलते पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद एलआईयू की एक रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी डा. विपिन ताडा ने कोतवाली समेत शहर के कई इलाकों में आतिशबाजी बनाने वालों को तलब किया था। लगभग पचास लोग जमा हुए थे। इस बैठक में पहुंचे लोगों को ताकीद की गई थी कि कोई भी आतिशबाजी ना बनाए इतना ही नहीं यह भी आग्रह किया गया था कि जो भी चोरी छिपे आतिशबाजी बना रहे हैं उनकी सूचना चुपचाप पास की पुलिस चौकी या थाने अथवा बीट कॉस्टेबल को दी जाए।
पड़सियों ने बताया शादी में आतिशबाजी छोड़ने का काम करते थे जीशान के बेटे शादाब, जाहिद और शाहिद
एसएसपी ने भरोसा दिलाया था कि जो भी सूचना दी जाएगी तथा जो सूचना देगा उसका नाम गुप्त रखा जाएगा। आतिशबाजी बनाने वालों की बात करें तो कोतवाली का तिरगरान इलाका इसके लिए खास पहचान रखता है। तिरगरान के अलावा लिसाडीगेट और लोहिया नगर में भी आतिशबाजी बनाने वालों के ठिकाने हैं। ये सभी लोग इस बैठक में मौजूद थे। मंगनलवार को कोतवाली के जाहिदयान में विस्फोट के बाद मकान ध्वस्त होने की जो घटना हुई है बताया जाता है कि वो लोग भी पुलिस की उस बैठक में शामिल थे, जिन्हें अब फरार बताया जा रहा है।

इस बात की तहकीकात की जा रही है कि ये किसने लिए और किस मंशा से सुतली बन मना रहे थे। क्योंकि इन दिनों ना तो शबेरात आने वाली है ना ही कोई ऐसा पर्व जिस पर आतिशबाजी की जाए। फिर किस के लिए आतिशबाजी बनायी जा रही थी। आतिशबाजी बनाने वालों की मंशा क्या थी इन तमाम बातों की तह तक पहुंचने के लिए एलआईयू पूरे कोतवाली इलाके में सक्रिय हो गयी हैं। तेज धमाके के साथ जो मकान ध्वस्त हुआ है वो जिशान का है। उसके तीन बेटे मकान जीशान का है, जहां उसके बेटे शादाब, जाहिद और शाहिद रहते हैं। मोहल्ले वालों ने बताया कि ये तीनों शादी-विवाह में आतिशबाजी का काम करते हैं। वहीं हादसे के बाद से परिवार के कुछ लोग फरार हैं। पुलिस जो लोग फरार बताए जाते हैं उनकी सरगर्मी से तलाश में जुटी है।
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