एक-एक गोली का देना होगा हिसाब

एक-एक गोली का देना होगा हिसाब
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एक-एक गोली का देना होगा हिसाब,

एसडीएम/सीओ की एनओसी के बाद ही मिलेंगी गोलियां
शास्त्र रखने वालों और कारतूस बेचने वालों से भी लिया जाएगा हिसाब
हर्ष फायरिंग व सोशल मीडिया पर शस्त्र प्रदर्शन को लेकर DIG बेहद गंभीर
मेरठ/कारतूस खरीदने व बेचने वालों से एक-एक गोली का हिसाब लिए जाने का शासन का साल 2021 का आदेश है, लेकिन न तो बेचने वाले और न ही खरीदने वाले गोलियों का हिसाब देते हैं। शासन ने जिन्हें यह जिम्मेदारी दी थी, वो भी गाफिल थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। लाइसेंसी हथियार और कारतूस रखने वालों से अब एक-एक कारतूस का हिसाब लिया जाएगा। इतना ही नहीं शस्त्र के लिए नए कारतूस तभी ले सकेंगे जब एसडीएम या फिर पुलिस के सर्किल अधिकारी की एनओसी यानि क्लीनचिट शस्त्र लाइसेंस धारक के पास होगी। दरअसल इस संबंध में शासन से एक आदेश आया है, जिसके अनुपालन में डीआईजी कलानिधि नैथानी ने रेंज के सभी जनपद के पुलिस प्रमुख को इस संबंध में निर्देशित किया है।
आदेश है अनुपाल नहीं
साल 2021 को शासनादेश है, लेकिन संभवत: उसको बिसरा दिया गया है। पुराना आदेश डीआईजी ने नए सिरे एक्टिवेट कर दिया है। शासनादेश सं.-जन -505/छ:-पु-5-2021 25 जनवरी 2021 के अनुपालन में को लेकर निर्देशित किया गया है कि लाइसेंस के सापेक्ष नये कारतूस देने के पूर्व उनको अब तक प्राप्त कारतूसों की खपत के बारे में एसडीएम व सीओ की प्रारम्भिक जांचोपरान्त ही नए कारतूस निर्गत किये जाए। कारतूसों की बिक्री पर सशर्त प्रतिबंध लगाया जाए जिसके अन्तर्गत नये स्वीकृत लाईसेंसो पर भी सीमित संख्या में कारतूस दिये जाए। विगत वर्षो में शस्त्र लाईसेंस के सापेक्ष कितने कारतूस विक्रय किये गये एवं उनका क्या उपयोग हुआ इस संबंध में जांच करा ली जाए।
खिलाड़ियों को भी देना होगा हिसाब
डीआईजी नैथानी ने बताया कि खिलाडियों को अधिक संख्या में कारतूस निर्गत होते है अत: उनके खोखे जमा करने के सम्बन्ध में 80 प्रतिशत के स्थान पर 90 प्रतिशत की शर्त रखी जाए। उन्होंने जनपद के पुलिस प्रमुखों को कहा है कि इस संबंध में गंभीरता बरती जाएं।
प्रत्येक गोलीकांड में पांच लोगों का मांगा जाएगा हिसाब
-गोली किसने चलाई
-असलाह किसने दिया व किसके नाम है
-असलाह अवैध है तो किससे खरीदा और कहा बना
-असलाह सामान्यत: किसके घर पर या किस स्थान पर रखा जाता था
-गोलीकांड में घटनास्थल तक पहुँचने में किस वाहन का प्रयोग हुआ तथा उस वाहन का स्वामी कौन था और उस वाहन में मुख्य अभियुक्त के साथ कौन-कौन था।
डीआईजी ने निर्देश दिया है कि इन पांचो को साक्ष्य के आधार पर नियमानुसार विवेचना में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि यदि कोई अपना लाईसेंस असलाह दूसरे को शोबाजी/प्रयोग के लिए देने पर लाईसेंस की शर्तो के उल्लंघन की धारा 30 आयुध अधिनियम अन्तर्गत मुकदमा दर्ज करें ।अगर असलाह लाइसेंसी हो तो शस्त्र निरस्तीकरण की कार्यवाही अमल में लायी जाए एवं शस्त्र स्वामी के विरुद्ध भी विधिक कार्यवाही की जाए ।गोलीकांड जैसे अपराधिक षडयंत्र में शामिल पारिवारिक सदस्यों व मित्रों पर भी कार्यवाही की जाएगी। ।
यह ना करें वर्ना खैर नहीं
रिश्तेदारों व मित्रो के लिए निर्देश
-सोशल मीडिया पर अस्त्र/शस्त्र का प्रर्दशन न करे ।
-अवैध असलाह वालों से दूरी बनाए रखे ।
-ऐसे व्यक्तियो को अपना मकान व अपना वाहन प्रयोग न करने दे ।
-गोलीकांड़ में संलिप्त अपराधियों को शरण देने वाले, अपने घर पर असलाह छुपाने वाले, लाईसेंसी असलाह दूसरे के हाथ में देने वालों व उनकी मदद करने पर बीएनएस की धारा 249, 3(5), 61(2) के अन्तर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी ।
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