शहीद की विदाई पर हर आंख थी नम

शहीद की विदाई पर हर आंख थी नम
Share

शहीद की विदाई पर हर आंख थी नम,

मेरठ/बदमाशों को ढेर करते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले एसटीएफ के जाबांज शहीद इंस्पेक्टर को गुरूवार को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गयी। इस मौके पर पुलिस प्रशासन के तमाम आला अफसर मौजूद रहे जिनमें एडीजी डीके ठाकुर, डीआईजी कलाधिनि नैथानी व अभिषेक सिंह, एसएसपी डा. विपिन ताडा, डीएम डा. विजय सिंह, एसपी सिटी आयूष विक्रम सिंह, एसपी टैÑफिक राघवेन्द्र कुमार मिश्रा, एसपी देहात आरके मिश्रा तथा परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे। इंस्पेक्टर सुनील कुमार दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन फिजां में उनकी बहादुरी के तराने गंूज रहें। हर किसी की जुवां पर उनकी बहादुरी के कारनामे हैं। महकमे ने अपने बहादुर अफसर को नम आंखों से विदाई दी।  मुस्तफा उर्फ कग्गा गिरोह के अरशद समेत चार बदमाशों को इंस्पेक्टर सुनील कुमार और उनकी टीम ने मुठभेड़ में मार गिराया था। इसी दौरान इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी बलिदान हो गए। गुरुवार को एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार का पार्थिव शरीर जसवंत राय अस्पताल से पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक पर लाया गया। यहां पर सुनील कुमार को अंतिम सलामी दी गई।
एडीजी डीके ठाकुर, डीआईजी कलानिधि नैथानी, डीआईजी अभिषेक सिंह, डीएम वीके सिंह, एसएसपी विपिन ताडा, एचपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, एसपी बृजेश सिंह, एसपी यातायात राघवेंद्र मिश्रा और तमाम पुलिस अफसर ने उन्हें अंतिम सलामी दी।
पापा आज तो कुछ बोल दो..रोक ना सके आंसू
इसी दौरान पिता को पुष्प अर्पित करते हुए बेटा मोनू उर्फ मनजीत फफक पड़ा, आंखों में आंसू लेकर बोला पापा आज तो कुछ बोल दो। यह मंजर देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखों में पानी था। बेहद दर्दनाक मंजर था, जिसको अल्फाजों में बयां नहीं किया जा सकता। हर कोई इस मंजर को देखकर आंसू छिपाने की कोशिश कर रहा था। एसटीएफ और पुलिस अफसर सुनील कुमार के पार्थिव शरीर को साथ लेकर उनके गांव मसूरी पहुंचे। परिवार की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार कराया।
सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक का सफर
मूलरूप से इंचौली गांव मसूरी निवासी सुनील कुमार पुत्र चरण सिंह एक सितंबर 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे। एसटीएफ का गठन होने के बाद उन्होंने 1997 में मानेसर हरियाणा में कमांडो कोर्स किया। पहली जनवरी 2009 से वह एसटीएफ का हिस्सा बन गए।
तब से वह एसटीएफ में ही हैं। वह सात अगस्त 2002 को हेड कांस्टेबल के पद पर प्रोन्नत हुए। 13 मार्च 2008 को जनपद फतेहपुर में हुई मुठभेड़ में सुनील कुमार ने जान खतरे में डालकर ओमप्रकाश उर्फ उमर केवट को मार गिराने अहम भूमिका निभाई जिसके लिए उन्हें 16 सितंबर 2011 में आउट आॅफ टर्म प्रमोशन देकर प्लाटून कमांडर पद पर पदोन्नत किया गया। इसी के चलते 22 अप्रैल 2020 को दलनायक के पद पर प्रमोशन किया गया।
बहादुरी के कारनामों से भरा है कार्यकाल
19 मार्च 2008 को अंतर परिक्षेत्रीय दस्यु गिरोह के सरगना ओम प्रकाश उर्फ उमर केवट को उसके एक साथी सहित मुठभेड़ में मार गिराने वाली टीम का हिस्सा रहे।
फतेहपुर में तैनाती के दौरान 50 हजार के इनामी रामराज पुत्र शिव गोपाल निवासी ग्राम नसीरपुर थाना खेखरेरू जनपद फतेहपुर को मार गिराया था।
चार मई 2023 को अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना को मार गिराने वाली टीम का भी सुनील कुमार हिस्सा रहे थे।
14 दिसंबर 2024 को हाशिम बाबा गिरोह के शूटर एक लाख के इनामी अनिल उर्फ सोनू मटका को मार गिराने में भी अहम भूमिका निभाई थी।
20 जनवरी 2025 को मुस्तफा उर्फ कग्गा एवं मुकीम काला गिरोह के सरगना अरशद, मंजीत उर्फ ढिल्ला उर्फ जुबैर, सतीश और मनबीर को मार गिराने की टीम का नेतृत्व कर रहे थे।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *