अति संवेदनशील इलाके में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज
लिसाड़ीगेट पुलिस व स्वॉट टीम ने ज्वाइंट आपरेशन में दबोचे चार शातिर एक्सपर्ट
मेरठ/ लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र के लक्खीपुरा इलाके में अवैध रूप से टेलीफोन एक्सचेंज संचालित किया जा रहा था। सीमा पार पाकिस्तान से इसके तार जुडे होने की आशंका जतायी जा रही है। शुक्रवार को स्वाट टीम नगर व थाना लिसाडी गेट पुलिस व डॉट की टीम ने दबिश देकर इसको चालने वाले चार बेहद शातिर एक्सपर्ट गिरफ्तार कर जेल भेजे हैं। उनके पास से तमाम तकनीकि उपकरण भी बरामद किए गए हैं। शुक्रवार को पुलिस लाइन में बुलायी गयी प्रेस वार्ता में यह जानकरी एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा व सीओ कोतवाली प्रमोद कुमार ने मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के दौरान मौके से चार अभियुक्तों जुनैद पुत्र शकील व शाकिब निवासी लक्खीपुरा, आरिस पुत्र मौहम्मद सईद निवासी छप्पर वाली लिसाडी गेट व आसिफ पुत्र अमीर अहमद निवासी- मौहल्ला कल्याण सिह अटौरा रोड कस्बा मवाना को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से एक्टिवेट 32 सिम स्लाट, एक राउटर जिसमें जियो का सिम डाला गया था।, 32 सिमकार्ड, पावर एक्सटेंशन बोर्ड, लेपटॉप तथा कई अन्य उपरकण बरामद किए हैं। यह अवैध एक्सचेंज लक्खीपुरा में जुनैद के मकान के ऊपर वाले कमरे में संचालित किया जा रहा था। वहीं से चारों को गिरफ्तार किया गया है।
ये हैं फरार
सीओ कोतवाली प्रमोद कुमार ने बताया कि अवैध एक्सचेंज चलाने वाले इनके तीन साथी शाहरुख पुत्र फैय्याज निवासी मौहल्ला कल्याण सिंह, जीशान पुत्र नानू निवासी लिसाडी गेट और हाजी इरफान पुत्र वाहिद निवासी पाकिजा होटल के पास लिसाडी गेट फरार हैं। यह गिरोह लंबे समय से एक अवैध टेलीफोन एक्सचेन्ज संचालित कर रहा था। ये लोग इंटरनेशनल कॉल को वाइस काल में परिवर्तित कर भारतीय अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचा रहे थे। इनकी कारगुजारियों से भारत सरकार को बडे पैमाने पर राजस्व की हानि हुई। साथ ही सबसे बड़ा व चौंकाने वाला खुलासा यह कि काल करने वाले शख्स की पहचान छुपी रहती है तथा देश की सुरक्षा ऐजेंसियों के लिए काल करने वाले व्यक्ति को ट्रेस करना कठिन हो जाता है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ साथ देश की अखण्डता एकता एवं सम्प्रभुता को भी संकट उत्पन्न करता है।
बेरोजगारी दूर करने को देशद्रोह
पुलिस का कहना है कि पूछताछ में जुनैद ने बताया कि इंटर पास करने के बाद वह बेरोजगार था। कोई काम धंधा नहीं था। इसीलिए उसके दिमाग में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने का खतरनाक आइडिया आया। उससे जीशान ने कहा कि हम लोग मिलकर एक फर्जी मिनी टेलिफोन एक्सचेंज लगा लेते है, जिससे प्रतिदिन 30 से 35 हजार रुपये की मुनाफा हो जाया करेगा, परन्तु इस काम को करने के लिये 4 से 5 लाख रुपये की जरुरत थी। उसके बाद दोनों ने हाजी इरफान पुत्र डा. वाहिद निवासी पाकीजा होटल को अपनी योजना बतायी जिस पर वह पैसा लगाने के लिये राजी हो गया और इस काम के लिये उसने चार लाख रुपया दिया और कहा कि इस अवैध एक्सचेंज से जो भी कमाई होगी उसका 60% मैं लूंगा और 20-20% तुम लोगो को दूंगा। इसके बाद हम दोनों ने मवाना में आसिफ पुत्र अमिर अहमद निवासी मोहल्ला कल्याण सिंह अटौरा रोड से सम्पर्क किया आसिफ ने 3.45 में सर्वर और मिनी टेलिफोन एक्सचेंज का सैटअप तैयार करने का सौदा तय किया।
इस काम में आसिफ ने शाहरुख पुत्र फैयाज जो कि आसिफ के मोहल्ले में ही रहता है को इस काम में शामिल किया और सिम तथा सिम बाँक्स, लाँगर एक्सचेंज आदि सामान हम लोगो को उपलब्ध कराया। शाहरुख ने ही सिस्टम को सैटअप करना और आपरेट करने की ट्रेनिंग दी। उसके बाद देहरादून में रिजवान के घर पर सैटअप चालू किया और चालू होने के बाद उसे मेरठ ले आये और नवम्बर 2024 से फर्जी मिनी टेलिफोन एक्सचेंज को जुनैद के घर की उपरी मंजिल पर चलाने लगे । इस काम से प्रतिदिन 20 से 25 हजार रुपये की कमाई होने लगी पैसे जुनैद के खाते में जाते थे, जहां से अपने-अपने हिस्से के पैसे नगद मिलते थे। पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि इन्होंने अब तक कहां-कहां इंटरनेशन कॉल पर बात कराई है। क्यों इनके कनैक्शन सीमा पार से भी जुडेÞ हैं। यदि ऐसा कुछ पाया जाता है तो केस में और धाराएं बढ़ायी जाएंगी।