फीस वापसी को उठाएं आवाज, पब्लिक स्कूल अभिभावक संघ के अध्यक्ष कपिल शर्मा एडवोकेट मेरठ ने लोगों से अपील की है कि कोर्ट का आदेश आने के बाद सभी अभिभावक बच्चों की फीस वापसी की आवाज पुरजोर तरीके से बुलंद करें। उन्होंने कहा कि कोरोना काल मे हम सभी बहुत बुरे दौर से गुजरे और सच कहें तो आर्थिक रूप से एकदम टूट गये। हजारों लोगों को अपनी नोकरी से हाथ धोना पड़ा , रोजगार बंद हो गये , लेकिन उसके बाद भी हमने अपने बच्चों की शिक्षा को प्रभावित नही होने दिया। लेकिन इस बुरे दौर में हम सभी अभिभावको ने सरकार से एक छोटी सी मांग रखी थी कि कोरोना काल में ऑन लाइन क्लास की फीस 50 % माफ होनी चाहिए मांग एक दम दुरुस्त थी, क्योकि जब निजी स्कूल इस कोरोना काल मे खुले ही नही तो फिर पूरी फीस किस बात की। देश के अधिकतर स्कूलो को राजनैतिक रूप से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सरक्षंण प्राप्त होता है इसलिये ये नीतिनिर्धारक निजी स्कूलों के दबाब में कोरोना काल मे फीस माफी की जायज मांग पर भी चुप्पी साधे रहे और हार थक कर न्यायालय का रुख करना पड़ा। अंत मे जीत सत्य की ही होती है । न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों को कोरोना काल में शिक्षा सत्र 2020-21 की 15 % फीस वापसी के आदेश दिए। लेकिन जब अभिभावको ने इस 15% फीस वापसी की मांग स्कूल प्रबन्धको से की तो इनका कहना था कि इनके पास ना तो कोई सरकार की तरफ से आदेश है और ना ही शिक्षा अधिकारियों की तरफ से कोई आदेश आया है , जिसके बाद एक बार फिर प्रदेश सरकार की तरफ से आदेश निकलवाने के लिए प्रयास किये गये और अभी कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से भी प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक को अभिभावको की 15 % फीस वापस कराने के आदेश जारी कर दिए गये। कपिल शर्मा ने बताया कि इसके लिए स्कूल प्रधानाचार्य के नाम 15 % फीस वापसी का पत्र लिखकर ऑर्डर की कॉपी के साथ स्कूल की मेल आईडी पर भेजें। 60 दिन के अंदर आपकी 15% फीस वापस नही करता है* तो इसकीं *शिकायत DFRC करें।