फीस वापसी को ज्ञापन पर ज्ञापन

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फीस वापसी को ज्ञापन पर ज्ञापन, गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने माननीय न्यायालय और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना काल मे शिक्षा सत्र 2020-21 की 15 प्रतिशत फीस वापसी के आदेश के उलंघन पर जिले के निजी स्कूलों पर सख्त कार्यवाई करने के लिये जिला विद्यालय निरीक्षक को ज्ञापन देते हुये चेतावनी दी कि अगर 7 दिन के अंदर फीस नही लौटाने वाले स्कूलो पर कार्यवाई नही की गई तो अभिभावको द्वारा आंदोलन किया जायेगा गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के सचिव अनिल सिंह ने बताया कि माननीय न्यायालय ने 6 जनवरी 2023 को प्रदेश के समस्त निजी स्कूलों को कोरोना काल में शिक्षा सत्र 2020-21 की 15 प्रतिशत फीस वापसी का आदेश दिया था जिसके एक महीने बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 16 फरवरी को प्रदेश के प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक को निजी स्कूलों से 15 प्रतिशत फ़ीस वापसी कराने के निर्देश दिये थे जिसका सज्ञान लेते हुये जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा 17 फरवरी 2023 को सभी निजी स्कूलों को फीस लौटने के लिए पत्र लिखा गया था लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कार्यलय द्वारा स्कूलों को यह पत्र मात्र औपचारिकता के लिए लिखा गया था हमे नही लगता कि इस पत्र को निजी स्कूलों की मेल आईडी पर भी भेजा गया है या नही ? क्योकि अब जब अभिभावक स्कूलो से 15 प्रतिशत फ़ीस वापसी की मांग कर रहे है तो अधिकतर स्कूलो का कहना है कि उनके पास कोई आदेश नही आया हस जबकिं इस आदेश को पालन कराने की पूर्ण जिम्मेदारी जिलाधिकारी और डीआईओएस की है अभिभावको द्वारा लगातार स्कूलो को फ़ीस वापसी के लिए उनकी मेल आईडी पर आर्डर की कॉपी सहित प्राथर्ना पत्र भेजे जा रहे है जिसकी प्रतिलिपि जीपीए को भी प्राप्त हुई है जो जीपीए द्वारा डीआईओएस को भेजे गये पत्र के साथ सलग्न की है गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने कहा कि जिलाधिकारी महोदय डीआईओएस को  अब तक चार बार जिले के निजी स्कूलों से 15 प्रतिशत फीस के आदेश का पालन कराने के लिए ज्ञापन दिया जा चुका है। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन पुनः जिला प्रशासन और जिला विद्यालय निरीक्षक से निवेदन करती है कि न्यायालय के 15 प्रतिशत फ़ीस वापसी के आदेश को बिना किसी विलंब के सभी निजी स्कूलों में लागू करा अभिभावको की फीस वापस कराई जाए और न्यायालय एवम उत्तर प्रदेश सरकार के 15% फीस वापसी के आदेश का उलंघन करने वाले निजी स्कूलों पर सख्त कार्यवाई सुनिश्चित की जाए ।अगर सात कार्य दिवस के अंदर आपके द्वारा निजी स्कूलों पर न कोई ठोस कार्यवाई नही की जाती तो अभिभावको को आंदोलन करने पर विवश होना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी आपकी एवम जिला प्रशासन की होगी ।

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