22बी व पैलेस सिनेमा की फाइल तलब

kabir Sharma
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कंपाउंडिंग के लिए आए आवेदन होल्ड, ब्रिगेडियर बोले पहले फाइल का मुआयना, खाली खजाना भरने पर भी मंथन

एनसीआरटीसी से मिले 52 करोड़ खर्च होंगे कैंट के सौन्यर्दीकरण पर, बोर्ड का खाली खजाना भरने को व्यापारियों पर चलेगा ट्रेड लाइसेंस का चाबुक

मेरठ। बाउंड्री रोड स्थित अवैध होटल 22 बी और बोम्बे बाजार स्थित पैलेसे सिनेमा मॉल (बंगला 176 ) की फाइल ब्रिग्रेडियर ने तलब कर ली है। दरअसल कैंट बोर्ड की बैठक में बताया गया कि दोनों ही मामलों में कंपाउंडिंग के लिए आवेदन किया गया है, लेकिन ब्रिगेडियर निखिल देशपांडे ने कहा कि पहले वह फाइल का मुआयना करेंगे उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

कैंट बोर्ड की बैठक गुरूवार की दाेपहर को अध्यक्ष ब्रिगेडियर निखिल देशपांडे की अध्यक्षता में शुरू हुई। सीईओ जाकिर हुसैन ने ऐजेंडे की जानकारी दी। साथ ही पेपरलेस की बात की। इस पर डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि लोकसभा, राज्यसभा व विधानसभाएं तो पहले से ही पेपरलेस हो चुकी हैं। ऐजेंडा साइट पर डाल दिया जाए तो बताया गया कि साइट पर नहीं डाता आन लाइन भेजा जाता है। बैठक में प्रमुख मुद्दा अवैध होटल 22 बी और बंगला 176 बोम्बे बाजार के अवैध निर्माणों के मुटेशन रहे। होटल 22 बी में बड़े स्तर पर अवैध निर्माण किए गए हैं। उसको सील कर दिया गया था, लेकिन होटल मालिक ने सील तोड़ दी और बोर्ड की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट चला गया, वहां पर कैंट बोर्ड हार गया। अब 22 बी के कंपाउंड़िंग का आवंदेन आया है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि जब हाईकोर्ट में बोर्ड हार गया तो उसके खिलाफ दोबारा अपील में क्यों नहीं गए। बंगला 176 पैलेस सिनेमा में मानचित्र के विपरीत बड़े स्तर पर अवैध निर्माण किए जाने की बात बतायी गयी। इसके अवैध निर्माण को ध्वस्त किए जाने के आदेश भी हुए थे। इन दोनों के मुटेशन के आवेदनों पर ब्रिगेडियर देशपांडे ने पहले फाइल देखने की बात कही। मामला होल्ड कर दिया गया। इन दो के अलावा कंपाउंडिंग के जो केस आए उनमें बंगला 199, 200 और 201 शामिल हैं। चर्चा के दौरान डा. वाजपेयी ने कहा कि अवैध निर्माण पर समान रूप से कार्रवाई की जाए। डा. सतीश शर्मा ने कहा कि 52 अवैध निर्माण केस हैं। बैठक में चाट बाजार व शहीद योगेन्द्र हाट के सौन्दर्यीकरण का भी प्रस्ताव रखा गया। अध्यक्ष ब्रिगेडियर देशपांडे ने छुट्टा पशुओं की समस्या उठायी।

57 करोड़ से होगा कैंट का विकास

कैंट बोर्ड की जो जमीन रैपिड रेल प्रोजेक्ट को गई है उसकी एवज में एनसीआरटीसी से मिले 57 करोड़ रुपए अभी रक्षा मंत्राललय के पास हैं। बैठक में बताया गया कि उस रकम से कैंट क्षेत्र के प्रमुख स्थानों का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। डा. वाजपेयी का कहना था कि जो लोग शास्त्री मार्केट से उजाड़ कर गडढा मार्केट भेजे गए हैं उनका किराया चार गुना कर दिया है वह कम किया जाए।

खाली खजाना भरने को ट्रेड लाइसेंस का चाबुक

कैंट बोर्ड के खाली खजाने पर भी चर्चा की गई। कैंट में ट्रेड लाइसेंस न बनवाने पर अध्यक्ष देशपांडे ने चिंता जाहिर की। तय किया गया कि जीएसटी और बिजली विभाग से कैंट के व्यापारियों की सूची लेकर ट्रेड लाइसेंस के लिए नोटिस भेजे जाएं। साथ ही जब से ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य किया गया है तब से रिकबरी के भी नोटिस सभी को भेजे जाएं। डा. सतीश शर्मा ने भी इस पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने आबूलेन पर सेंट्रल पार्किंग को लेकर चर्चा की और कहा कि सेंट्रल पार्किंग की व्यवस्था दोबारा से कर दी जाए। लेकिन यह चर्चा परवान नहीं चढ़ सकी।

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बैठक में राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी व विधायक अमित अग्रवाल के अललावा सीईओ जाकिर हुसैन, ज्वाइंट सीईओ हर्षिता, इंजीनियरिंग सेक्शन हेड पीयूष गौतम, ओएस जयपाल तोमर, टैक्स सेक्शन के प्रमोद कुमार, अभिषेक गंगवार, रेवेन्यू के हितेष आदि भी मौजूद रहे।

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