मेरठ। श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर दुर्गाबाड़ी सदर में खुद को मंदिर समिति का पदाधिकारी बताने वालों पर एफआईआर के बाद सदर जैन समाज का कहना है कि उन्हें सिर्फ और सिर्फ डा. संजय जैन पर ही भरोसा है। सुनील जैन, मृदुल जैन, रंजीत जैन और अनिल बंटी पर FIR दर्ज होने के बाद जिस प्रकार से इस मामले को जिन पर FIR लिखी गयी उन्होंने गलत रंग देने का प्रयास किया उससे सदर जैन समाज खास खिन्न है। शायद यही वजह है जो पिछले दिनों आरती के बाद जिनके खिलाफ सदर बाजार थाना पुलिस ने मुकदमें लिख लिए हैं और किसी भी वक्त गिरफ्तार इन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा सकता है, उन्होंने जो कुछ किया उससे सदर जैन समाज खासा नाराज है। उनमें गम और गुस्सा दोनों है। गम इस बात का कि मंदिर के सदस्य डा. संजय जैन को लेकर जिन पर FIR लिखी गयी उन्होंने गलत प्रचार किया। सदर जैन समाज के लोग अब खुलकर सामने आ गए हैं, उनका साफ कहना है कि यदि ये लोग ठीक है तो फिर ऐसी क्या वजह थी जो राष्ट्रकवि सौरभ जैन सुनक को आत्मदाह की चेतावनी देने को मजबूर होना पड़ा।

सदर जैन समाज का कहन है कि जब पुलिस जांच में कसूरबार मान लिय है FIR दर्ज हो चुकी है फिर कैसे मंदिर जी का गाज इन्हें सौपा जा सकता है। चुनाव हो प्रशासन की निगरानी में और वो चुनाव डा. संजय जैन कराएं। सदर जैन समाज का कहना है कि जब ऋषभ के चुनाव डा. संजय जैन करा सकते हैं तो मंदिर जी के क्यों नहीं। मंदिर जी के चुनाव कराने को तो पूरा सदर जैन समाज डा. संजय जैन के साथ है।
उसके बाद तेजी से बदले घटनाक्रम में मंदिर में एकाएक पंच अस्तित्व में आ गए। उस वक्त पंचों की ओर से सदर जैन समाज को यह बताया गया था कि मृदुल जैन से हिसाब किताब ले लिया गया है और मृदुल जैन एक करोड़ रुपए मंदिर के पंचाें को देगा। लेकिन साथ ही यह शर्त भी लगा दी गयी थी कि इसके मृदुल को क्लीनचिट दे दी जाए, लेकिन पुलिस की जांच के क्या करें जिसके आधार पर सुनीन जैन, रंजीत जैन, अनिल बंटी के साथ मृदुल जैन के खिलाफ भी FIR पुलिस ने दर्ज की है। जहां डा. संजय जैन का सवाल है तो उन्होंने तो केवल मंदिर जी को बचाने के लिए ही एक शिकातय की थी। उसके बाद डिप्टी रजिस्ट्रार ने पूरे छह साल जांच की। उस जांच में तमाम घपले ठोस साक्ष्यों के आधार पर पकड़े गए जिसके बाद डिप्टी रजिस्ट्रार ने पत्र लिखकर सीओ सदर को सुनील लैन, मृदुल जैन, रंजीत जैन और अनिल बंटी तथा दो अन्य के खिलाफ FIR के निर्देश दिए। उसके बाद सदर पुलिस ने ADG के आदेश पर जांच की। तमाम ठोस साक्ष्य जुटाए और FIR दर्ज की। सदर जैन समाज का कहना है कि उनकी आंखों से पर्दा उठा गया है। जो लाेग मंदिर जी को लूटने में शामिल है वो एक तरफ है और पूरा सदर जैन समाज डा. संजय जैन के साथ हैं। सदर जैन समाज यह भी चाहता है कि डा. संजय जैन ही मंदिर के चुनाव कराने का बीड़ा उठाएं। समाज उनका हर संभव सहयोग करेगा। क्योंकि अब सवाल मंदिर जी को लूट से बचाने का भी है। सदर जैन समाज सबसे ज्याद खिन्न भंडारी विजय सनमति से भी नजर आता है। सदर जैन समाज के बुर्जुगों का यहां तक कहना है कि यदि डा. संजय जैन चाहेंगे तो भी उन्हें पीछे नहीं हटने दिया जाएगा। मंदिर जी को बचाना है इसलिए डा. संजय जैन को लाना है।
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