मेरठ के इंचौली के गांव सैनी के रहने वाले फौजी अफसर का शव पहुंचने पर कोहराम मच गया। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना था कि घर से ड्यूटी पर जब रवाना हुए थे तो जल्द लौटने की बात कहकर गए थे, चंद रोज पहले ही ड्यूटी के लिए तेलंगाना के लिए रवाना हुए थे, यह नहीं पता था कि जिंदा जा रहे हैं और उनकी लाश घर आएगी।
मेरठ। फौजी अफसर लेफ्टीनेंट कर्नल अभिनव मलिक का मंगलवार को जब शव पहुंचा तो इंचौली के सैनी में कोहराम मच गया। दिल का दौरा पड़ने की वजह से ड्यूटी पर ही उनका देहात हो गया था। मंगलवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार गांव में ही किया गया। वह तेलंगाना के सिकंदराबाद में तैनात थे। उनके भाई भाजपा के बड़े नेता हैं। सैनी गांव निवासी सेवानिवृत्त कर्नल रणवीर सिंह मलिक के इकलौते पुत्र 38 वर्षीय लेफ्टीनेंट कर्नल अभिनव मलिक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह वर्तमान तेलंगाना राज्य के सिकंदराबाद में तैनात थे। अभिनव मलिक के चचेरे भाई भाजपा नेता मोहित मलिक के मुताबिक रविवार शाम को वह ड्यूटी से अपने रेजिडेंस पर पहुंचे थे। सोमवार शाम उनके निधन का समाचार मेरठ पहुंता तो राेते बिलखते परिजन तेलंगाना के लिए रवाना हो गए। मंगलवार सुबह उनका शव गांव पहुंच गया। उनकी यूनिट के सूत्रों ने जानकारी दी कि रात में करीब 10.30 बजे उनकी तबियत बिगड़ी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। रास्ते में ही अभिनव की मौत हो गई। घर पर हार्ट अटैक से मौत होने की सूचना मिली। जिसके बाद पिता रणवीर सिंह मलिक व अन्य लोग तेलंगाना के लिए रवाना हो गए। मौत की जानकारी पर लोग उनके आवास पर पहुंच गए।
12वीं से टेक्निकल एंट्री से सेना में पहुंचे
परिजनों के मुताबिक अभिनव ने साढ़े सत्रह साल की उम्र में 12वीं के बाद सेना में टेक्निकल एंट्री ली थी। उनकी पढ़ाई सेंट मैरी स्कूल से हुई थी। जिसके बाद वह अब करीब 38 वर्ष की उम्र में लेफ्टिनेंट कर्नल थे।
पिता भी कर्नल से हैं सेवानिवृत्त
घर में गन्ना विभाग से सेवानिवृत्त 101 वर्षीय दादा गुरु वचन सिंह मालिक हैं। पिता रणवीर सिंह मलिक करीब 10 वर्ष पूर्व कर्नल से सेवानिवृत्त हुए थे। माता राजिंद्री, पत्नी तनु मालिक, 4 साल की बेटी मायरा और एक शादीशुदा बड़ी बहन विभा हैं। अभिनव के माता पिता गंगानगर थाना क्षेत्र के रक्षपुरम में रहते हैं। अभिनव मलिक का पार्थिव शरीर तेलंगाना से सोमवार देर रात में मेरठ पहुंचा । मंगलवार सुबह सैनी गांव के श्मशान पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
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