गणित कार्यशाला में प्रो. हांडा की स्पीच, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के गणित विभाग में चल रही वैदिक गणित की सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के अंतिम दिन के प्रथम सत्र की शुरुआत गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की प्रोफेसर निधि हांडा व्याख्यान के साथ डॉ ओमकार लाल श्रीवास्तव के अध्यक्षता में हुई। प्रोफेसर निधि हांडा ने विश्व में गणित के प्रभाव पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कंदिका 3 की प्रथम छंद में एक श्लोक मिलता है जो विकर्ण पर वर्ग के निर्माण से संबंधित हैं। त्रिभुज की कर्ण की भुजा पर बनाए गए वर्ग का क्षेत्रफल आधार और लंबाई पर बनाए गए वर्ग के क्षेत्रफल के जोड़ के बराबर होता है। जब यूरोपीय कंपनियों का आगमन हुआ बड़ी मात्रा में कपड़ा, मसाले आदि लेकर विदेश चले गए, हमारी सभ्यता का भी आदान-प्रदान हुआ। भारत को विश्व गुरु की उपाधि दी जाती थी वह उन अंग्रेजों का गुलाम बन कर रह गया। यहां से बड़ी मात्रा में लेने के बाद भी भारत के वेदों, गणितज्ञों को कोई स्थान नहीं मिला है। 1875 ईसवी में एक संस्कृत स्कॉलर ने बताया कि जो आज का आधुनिक गणित है कि वह सुल्व सूत्र का ही रूपांतरण है। दूसरे सत्र की शुरुआत डॉ तेजस कुलकर्णी के व्याख्यान के साथ डॉ अनिल ठाकुर की अध्यक्षता में हुई। संचालन डॉ सरू कुमारी ने किया। समारोह में विज्ञान संकायाध्यक्ष गुप्ता ने बताया कि सभी छात्र छात्राओं को वैदिक गणित में अपनी रुचि को बढाना चाहिए। प्रोफेसर जयमाला ने बताया कि आज 21वी सदी के युग में भी हमें वीडियो से लिए गए शास्त्रों को साबित करने की आवश्यकता पड़ रही है। प्रोफेसर मुकेश कुमार शर्मा ने एक संक्षिप्त विवरण दिया। विभागाध्यक्ष प्रो शिवराज सिंह एवं डॉ सोनिया गुप्ता द्वारा संकलित पुस्तक का विमोचन किया। इस मौके पर प्रो शिवराज सिंह और डॉ संदीप कुमार, डॉक्टर सोनिया गुप्ता, रश्मि, उम्मेफरवा, रिंकी, वैशाली, दीप्ति, सुजाता जैन, शिप्रा कौशिक, शरद, समरेश, शगुन, रीमा गर्ग सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कार्यक्रम में तरुण, तेजेंद्र, नितेश, हरेंद्र, राहुल, शुभम उपस्थित रहे।