गर्मी से हा-हाकर-बिजली की भी पड़ रही मार, मेरठ- आसमान से आग बरसाती मई विदा होने को है जून में सूरज का तांडव मुंह बाए खड़ा है। एक तो गर्मी की बेतहाशा मार उस पर बिजली कटौती। ऐसे में पब्लिक हा-हाकर ना करे तो फिर क्या करे। नौतपा चल रहा है। आसमान से आग बरस रही है। लोगों को इंद्रदेव के नींद से जागने का इंतजार है। साथ ही पीवीवीएनएल की अघोषित कटौती से भी मुक्ति की मांग लगातार जारी है। वहीं पीवीवीवएनल अफसरो की बात करें तो वो मानने को तैयार नहीं कि कटौती की जा रही है।उनका कहना है कि जिसको आप कटौती कह रहे हैं दरअसल में वो ट्रिपिंग है। ट्रिपिंग और कटौती में अंतर है। यह ट्रिपिंग भी इसलिए क्योंकि एक तय मियाद में बिजनेस प्लान के तहत पीवीवीएनएल 135 करोड़ से वेस्ट के चौदह जनपदों मे काम करा रहा है। मई का अंतिम सप्ताह चल रहा है और जून के आने का इंतजार किया जाराप हैे बारिश हो नहीं रही हैं और बिजली कटौती होने से पूरी नहीं मिल रही है। इससे शहर से लेकर देहात तब सभी गर्मी से बेहाल हैं। लोगों का आक्रोश फूट रहा है। शहर में बिजली की अघोषित कटौती को लेकर भाजपा नेता अंकित चौधरी ने बताया कि वह सोमवार को चीफ से मिलेंगे। उन्होंने बताया कि कई ऐसे गांव हैं जहां बिजली न आने से बंबा में पानी नहीं आ रहा है। आखिर बिना पानी के किसान अपनी फसल की कैसे सिचाई करेगा। कांग्रेस नेता व पीसीसी के पूर्व सचिव चौधरी यशपाल सिंह का कहना है कि बिजली के दाम बढ़ा दिए गए हैं। ना बिजली के आने का कोई टाइम है ना जाने का।सबसे बुरा हाल देहात का है। वहां आठ घंटे की सप्लाई में मुश्किल से छह घंटे बिजली मिल पा रही है। अगर सरकार का किसानों के प्रति यही हाल रहा तो फसल जुतवानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि शहर में लगातार हर घंटे पर विद्युत कटौती हो रही है। घरों में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो रही है। व्यापारी भी प्रभावित हैं।
उपकरण नहीं पुरसाहाल
वहीं दूसरी ओर उपकरणों की यदि बात की जाए तो ट्रांसफार्मर में आग व लाइन टूटने की घटनाएं लगातार जारी हैं। हालांकि चीफ धीरज सिन्हा का कहना है कि मांग बढ़ी है। इसलिए कुछ स्थानों हो सकता है कि ट्रिपिंग हो। जहां तक उपकरणों की बात है तो वो काफी दुरूस्त कराए गए हैं और काम भी अभी जारी है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं।