फायरिंग और लाठी डंडों से पिटाई मामले में समझौता कराने के बाद भी पुलिस जेल भेजने पर अमादा
MEERUT/ हाथ मिले लेकिन नहीं बनी बात- पुलिस अफसरों की दो टूुक, समझौता नहीं जानते, गोली चलाने वाले जाएगे जेल, पार्षद की तहरीर पर भी होगी कार्रवाई। सूरजकुंड वाहन डिपो पर फायरिंग व लाठी डंडों की बारिश मामले में लडने वालों से ज्यादा मुसीबत भाजपाइयों की थी। दलित महापंचायत ने भाजपाइयों को सांसत में डाल दिया था। मामले की गूंज लखनऊ तक सुनाई देने लगी थी। इसी के चलते मेरठी भाजपाइयों ने पार्षद व निगम ड्राइवर के बीच समझौते की पटकथा लिखी और सोमवार दोपहर समझौता करा दिया। लेकिन समझौते कराने की खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिकी रही। पुलिस ने साफ कर दिया कि ऐसे नहीं माना जा सकता समझौता।
यह हुआ सोमवार को
सूरजकुंड स्थित आॅफिस में राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, विधायक अमित अग्रवाल, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज सहित भाजपा नेताओं के सामने पार्षद रविंद्र और कर्मचारी अविनाश के परिवार ने आपस में समझौता करने की बात कही। 9 अप्रैल को निगम की बोर्ड बैठक करने की महापौर ने घोषणा की। वहीं एसएसपी डा. विपिन ताडा का कहना कि समझौते से पुलिस का लेना-देना नहीं है। कोर्ट की कस्टडी में पार्षद का इलाज मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में चल रहा है। नामजद सभी आरोपियों की तलाश में पुलिस की दबिश जारी है। आरोपियों को जेल भेजेंगे।
निगम अफसरों पर कार्रवाई की मांग
पार्षद रविंद्र और कर्मचारी अविनाश के बीच समझौता हो गया। इसके बाद निगम पार्षद पंकज गोयल, संजय सैनी, पवन चौधरी, फजल करीम सहित दस पार्षद भी सूरजकुंड स्थित महापौर के कैंप कार्यालय में पहुंच गए। पार्षदों ने कहा है कि कर्मचारी और पार्षद निगम परिवार का हिस्सा हैं। भाजपा पार्षद दीपक वर्मा का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति से समझौता होना निगम के हित में है। नगर निगम अफसरों की लापरवाही के चलते यह घटना हुई है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। पार्षद संजय सैनी ने कहा कि सफाई मामले में लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, सफाई कर्मचारी नेता कैलाश चंदोला, रविंद्र वैद्य, विनेश विद्यार्थी, बिजेंद्र लोहरे, आकाश काशी, विपिंद्र सुधा ने भी महापौर से मुलाकात कर समझौते पर सहमति जताई है।
महापौर बोले बाहरी थे
महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा कि नगर निगम के कर्मचारी और पार्षदों में बेहतर तालमेल है। सूरजकुंड डिपो में दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी, जिसमें कुछ बाहरी लोग अराजकता फैलाने का काम कर रहे थे। कर्मचारी और पार्षद के परिवार ने आपस में समझौता कर लिया है। नगर निगम द्वारा शहर के विकास कार्य कराए जा रहे हैं, जोकि कुछ लोगों को गवारा नहीं हो रहा है। कर्मचारियों की हड़ताल और पार्षदों की महापंचायत में भी कुछ लोगों ने बेवजह की बात की है।
पुलिस का कहना है कि जो मुकदमा दर्ज हुआ है उसकी रौशनी में जो भी कार्रवाई बनती है वो की जाएगी। इस प्रकार के समझौते यदि मुकदमा दर्ज होने से पहले करा लिए जाते तो कोई आपत्ति नहीं थी, मुकदमा दर्ज होने के बाद सभी नामजद जेल जाएगे।
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