घोड़े पर सवार होकर आएगी भवानी, माता का आगमन इस नवरात्रि में घोड़े पर सवार रूप में होगा। ‘‘कालयुक्त’’ नाम का यह नव संवत्सर 2081, मिश्रित प्रभावी होगा:– भारत ज्ञान भूषण
मेरठ। 9 अप्रेल सन 2024 दिन मंगलवार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, रेवती नक्षत्र, अमृत योग, सर्वार्थसिद्धि योग, कुमार योग, राजयोग, वैधृति योग महा पञ्चयोगों में “कालयुक्त” नामक नव संवत्सर प्रारम्भ हो रहा है जो कि प्रचलित रूप में विक्रम संवत 2081 कहलायेगा।
नव संवत्सर – 2081 के ग्रहों का मंत्रिमंडल
राजा – मंगल, मंत्री – शनि, सस्येश – मंगल, धान्येश – सूर्य, मेघेश – शुक्र, रसेश – गुरु, नीरसेश – मंगल, फलेश – शुक्र, धनेश – चन्द्र, दुर्गेश – शुक्र
इस बार पूरे नौ दिन हैं बासन्तीय नवरात्र
9 अप्रेल से चैत्र नवरात्र प्रारंभ तथा 17 अप्रेल को है रामनवमी –
कुप्रभावों से बचने के लिए करें नियत मुहूर्त में ही करें नवरात्रि कलश स्थापना। इस बार बासन्तीय नवरात्रि वैधृति योग में प्रारंभ होने के कारण प्रातः घट स्थापना सम्भव ना हो सकेगा I केवल अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना रहेगा शुभ I
मुख्य नगरों के आस-पास घट स्थापना के अभिजीत सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त – मंगलवार 9 अप्रेल 2024
दिल्ली – दोपहर 11:56 से 12:47 तक मुंबई – दोपहर 12:15 से 13:04 तक कोलकाता – दोपहर 11:12 से 12:02 तक चेन्नई – दोपहर 11:46 से 12:35 तक
मेरठ – दोपहर 11:54 से 12:45 तक
वैधृति योग अपरान्ह 2:18 मिनट पर समाप्त होने के बाद घट स्थापना संध्या से पूर्व
अपरान्ह शुभ योग में 3:33 से 5:08 मिनट तक भी किया जा सकता है.
विशेष – नवरात्रि में शक्ति पूजा तो रात्रि में विशेष फलदायी रहती है किन्तु दिन छिपने के बाद कलश स्थापना निषेध व अशुभ रहता है। यह जानकारी अतंराष्ट्रीय ज्योतिष वैज्ञानिक भारत ज्ञान जी भूषण ने इस संवाददाता को दी।
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