मेरठ। प्रवेश पत्र की फोटो स्टेट के लिए अनेक परिक्षार्थियों को दो किलोमीटर तक धक्के खाने पड़े। एक तो अंजान शहर दूसरी ओर वक्त की कमी ने तमाम परिक्षार्थियों को हलकान रखा। नौबत यही तक नहीं रही अभ्यार्थियों के मेरठ। प्रवेश पत्र की फोटो स्टेट के लिए अनेक अभ्यार्थियों को दो किलोमीटर तक धक्के खाने पड़े। एक तो अंजान शहर दूसरी ओर वक्त की कमी ने तमाम अभ्यार्थियों को हलकान रखा। सख्ती का आलम ऐसा कि सुबह की शिफ्ट के एग्जाम में जो भी परीक्षार्थी पेपर देने आए, पहले उनकी गेट पर चेकिंग की गई। उनके जूते मौजे उतरवाकर, ज्वैलरी हटवाकर हर तरह से जांच हुई। इसके बाद उन्हें एग्जाम रूम में भेजा गया। सीसीटीवी की निगरानी में पूरा पेपर हो रहा है।
फोटो स्टेट के लिए दो किलो मीटर तक खाए धक्के
नकली विहिन परीक्षा कराने के लिए तमाम परीक्षा केंद्रों पर जबरदस्त सख्ती की गयी थी। कड़ी तलाशी के बाद ही भीतर जाने दिया गया। रविवार को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी की ओर से यहां आयोजित राज्य स्तरीय बीएड प्रवेश परीक्षा में रविवार को दस परीक्षा केंद्रों पर आयोजित करायी गयी। । सुबह की पाली में हुई परीक्षा में कई चर्चित मुद्दों और घटनाओं से संबंधित सवाल पूछे गए। इनमें एक सवाल था, आर्मी डे कब मनाया जाता है। दूसरा सवाल था एनईपी-2020 का कोड क्या है। तीसरा सवाल था स्वतंत्रता के बाद ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक किसको मिला था। उत्तर प्रदेश राज्य से संबंधित सर्वोच्च पुरस्कार कौन सा है। इसी तरह के अन्य सवाल भी पूछे गए थे। पीएम श्री राजकीय इंटर कालेज मेरठ से परीक्षा देकर निकले अभ्यर्थियों का कहना था कि पेपर आसान था। हालांकि निगेटिव मार्किंग के कारण उन्होंने पूरे सवाल हल नहीं किये।परीक्षा के लिए मेरठ जिले में 10 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिन पर पांच हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। वहीं, कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच रविवार को सुबह परीक्षा शुरू हुई। सभी परीक्षा केंद्रों पर सघन तलाशी के बाद अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया।
दो पालियों में परीक्षा
बीएड प्रवेश परीक्षा रविवार को दो पालियों में थी। पहली पाली की परीक्षा सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक है। परीक्षा के लिए मेरठ जिले में 10 केंद्र बनाए गए हैं। इनमें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित मान्यवर कांशीराम शोधपीठ व पीएम श्री राजकीय इंटर कालेज बेगमपुल रोड समेत अन्य केंद्र शामिल हैं। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित मान्यवर कांशीराम शोधपीठ में बीएड की परीक्षा देने पहुंचे अनेक परिक्षार्थियों के पास प्रवेश पत्र की द्वितीय प्रतिलिपि उपलब्ध नहीं थी। इस कारण उन्हें परेशानी का भी सामना करना पड़ा। हालांकि परिक्षार्थियों को पहले ही निर्देश दिए गए थे कि प्रवेश पत्र की एक प्रति फोटो चस्पा करते हुए परीक्षा भवन में पहली पाली में उपलब्ध करानी है। अनेक परिक्षार्थियोंपर दूसरी प्रति न होने पर फोटो स्टेट कराने के लिए विश्वविद्यालय के बाहर तक दौड़ लगानी पड़ी। क्योंकि फोटो स्टेट की दुकान विश्वविद्यालय के बाहर ही थी। जिसकी मान्यवर काशीराम शोध पीठ केंद्र से आने-जाने की दूरी करीब 2 किलोमीटर रही। फोटो कापी लाने के लिए अभ्यर्थी करीब 2 किलोमीटर दौड़ते रहे।
हाईकोर्ट सीएम व डीजी सख्त फिर भी…