महायज्ञ के मुख्य यजमान गजेंद्र शर्मा – रजनी शर्मा वह ओंकार सिंह काम्बोज- पुष्प लता काम्बोज रहे महायज्ञ पंडित अतुल राम शास्त्री व आचार्य गिरीश शर्मा के द्वारा पूर्ण कराया

मेरठ। सनातन प्रेमी सेवा समिति द्वारा विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव महायज्ञ करके मनाया। महायज्ञ के मुख्य यजमान गजेंद्र शर्मा – रजनी शर्मा वह ओंकार सिंह काम्बोज- पुष्प लता काम्बोज रहे महायज्ञ पंडित अतुल राम शास्त्री व आचार्य गिरीश शर्मा के द्वारा पूर्ण करायामेरठ। यज्ञ कर भगवान परशुराम को नमन-विष्णु के छठे अवतार विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जन्मोत्सव महायज्ञ करके मनाया गया जिसकी अध्यक्षता स्वयं भगवान परशुराम ने की तथा संचालन कुलदीप नारायण शर्मा जी ने किया महायज्ञ के मुख्य यजमान श्री गजेंद्र शर्मा जी- रजनी शर्मा जी वह ओंकार सिंह काम्बोज- पुष्प लता काम्बोज जी रहे महायज्ञ पंडित अतुल राम शास्त्री जी व आचार्य गिरीश शर्मा जी के द्वारा पूर्ण कराया गया
इसके पश्चात कार्यक्रम के मुख्य संयोजक राजीव शर्मा संयोजक विनोद गौड़ दीपक वर्मा, सहसंयोजक ओंकार सिंह काम्बोज, देवेंद्र कौशिक, जसवीर सिंह राठी, प्रेम कुमार शर्मा, सुबोध शर्मा, वह कोषाध्यक्ष यतेंद्र कुमार शर्मा जी के द्वारा क्षेत्र में उत्कर्ष कार्य करने वाले गणमान्य मान्य व्यक्तियों को समिति के द्वारा सम्मानित किया गया तथा इसके बाद विशाल भंडारे का भी आयोजन समिति की तरफ से किया गया । समिति के संयोजक विनोद गौड़ ने बताया कि समिति प्रतिवर्ष श्री परशुराम जन्मोत्सव को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाती आ रही है कार्यक्रम के मुख्य संयोजक राजीव शर्मा जी ने बताया यह दिन धर्म साहस और भक्ति की विजय का प्रतीक है आज के दिन छत्रपति शिवाजी जी की जयंती भी मनाई गई महायज्ञ में मुख्य रूप से उपस्थित, रविंद्र शर्मा, ओमपाल सिंह दिनेश रस्तोगी कार्तिकेय रुद्रा संजीव शर्मा जी शिखा शर्मा जी करुणेश गौड़ सतेंद्र सिंह, सतीश रस्तोगी, देबू, विवेक शर्मा, जयप्रकाश शर्मा जी उज्जवल शर्मा, संगीता शर्मा, नवीन चौधरी, रमा शर्मा प्रवीन शर्मा, कविता शर्मा मोना शर्मा, मनीष उपाध्याय विपुल सैनी, सरिता सिंह कृष्णा कुमारी, संतराम पांडे, योगराज उपाध्याय, आनंद पार्षद भरत शर्मा पार्षद, प्रमोद चित्रकार प्रमोद जी, प्रमोद गिरी, डॉ संतोष शर्मा, डॉक्टर सर्वेश शर्मा, डीआर वीपी शर्मा, डॉ अश्वनी कुमार, नैन सिंह जितेंद्र, कीर्ति सिंह, विनीता तेवतिया आदि सैकड़ो सनातन प्रेमी मौजूद रहे
प्रेमानंद महाराज को मानते राधा रानी का स्वरूप