खंगाली जा रही है शस्त्र बेचने वालों की कुंडली

खंगाली जा रही है शस्त्र बेचने वालों की कुंडली
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खंगाली जा रही है हथियारों के कारोबारियों की कुंडली
रेंज के चारों जनपदों से बंदूक की दुकानों के कारतूसों का ब्योरा तलब
हथियार तस्करों व अपराधियों के बीच की कड़ी बने हैं कुछ शस्त्र कारोबारी
मेरठ/एसटीएफ के हत्थे चढे हथियार तस्कर के सनसनीखे खुलासों के बाद रेंज के जनपदों के हथियार कारोबारी पुलिस के रडार पर हैं। मेरठ के पीएल शर्मा रोड समेत चारों जनपदों के शस्त्र कारोबारियों की कुंडली खरीदी जा रही है। सूत्रों की मानें तो शस्त्र कारोबारियों खासतौर जिनको लेकर अक्सर आशंका है कि उनके तार हथियारों की तस्करी और अपराधिों से जुडेÞ हैं, ऐसे शस्त्र कारोबारियोें को लेकर संभवत: बड़ा खुलासा कर सकती है। हालांकि यह कहना जल्दबाजी होगी पुलिस की जांच के दायरे में क्या क्या और कौन-कौन हैं, लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि शस्त्र कारोबारियों की कुंडली खंगाली जा रही है। शस्त्र कारोबार की बात की जाए तो हथियारों की सबसे बड़ी मार्केट मेरठ के पीएल शर्मा रोड पर है। मेरठ में हथियारों की 29 दुकानें हैं जिनमें से फिलहाली छह पर ताले लटके हैं। हालांकि ब्योरा बंद दुकानों का भी तलब किया है। थानावार बात करें तो लालकुर्ती थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा 23 हथियारों की दुकानें हैं। यहां तमाम प्रकार के शस्त्र जो सरकार व प्रशासन की अनुमति से बेचे जा सकते हैं सर्व सुलभ। इसके अलावा यह भी कि दुनिया के ज्यादातर हथियारों के लिए कारसूत और उनकी सर्विस का काम पीएम शर्मा रोड की हथियारों की दुकान पर ही किया जाता है। इस मार्केट को किसी दौर में वेस्ट यूपी में हथियारों की सबसे बड़ी मार्केट माना जाता रहा है। यह भी आशंका जतायी जा रही है कि जिन दुकानों पर हथियारों की रिपेयरिंग का काम होता है, उन दुकानों पर रिपेयर के लिए अपराधियों के हथियार भी पहुंचते होंगे। हालांकि यह बेहद कठिन व जोखिम भरा काम है। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि रिपेयरिंग के काम का कोई ब्योरा नहीं रखा जाता। हथियारों की दुकानों पर केवल कारतूसों व हथियारों की बिक्री का ब्योरा होता है। हथियारों की ऐसेसरीज का भी कोई ब्योरा नहीं रखा जाता, हालांकि तमाम दुकानों पर हथियारों की ऐसेसरीज मिल जाएंगी।
उधेड़ी जाएंगी पुरानी परतें
डीआईजी कलानिधि नैथानी के निर्देश पर रेंज की पुलिस अपने-अपने जनपदों में शस्त्रों की दुकानों पर की गयी बिक्री व खरीद फरोख्त की परतें उधेडेÞगी। कारतूसों की तस्करी के खुलासे के बाद फिलहाल पुलिस ने डीआईजी के निर्देश पर कारसूतों की खरीद फरोख्त की परतें उधेड़नी शुरू कर दी हैं। इसकी शुरूआत शूटिंग रेंजो से कर दी गई है। जिले में कितने शूटिंग रेंज हैं। कौन उसका संचालक है। संचालक का बैकग्राउंड क्या है। सुनने में तो यहां तक आया है कि शूटिंग रेंज के संचालकों की भी कुंडली खंगाली जाएगी। मसलन उसके किन प्रकार के लोगों से कनेक्शन हैं, जिनसे कनेक्शन हैं क्या उनमें कोई अवंछित भी शामिल है। क्यों संचालक पहले कभी जेल गए हैं या किसी मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। उनके यहां शूटिंग रेंज में आने वाले खिलाड़ी कौन है। संचालक की तर्ज पर खिलाड़ियों का भी पूरा रिकार्ड जमा किया जाएगा। जिन खिलाड़ियों का ब्योरा शूटिंग रेंज संचालक द्वारा दिया जाएंगा वो कौन-कौन सी प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं। दरअसल कारतूस तस्करी के मामले की गंभीरता व इसके साइड इफैक्ट को समझते हुए ही डीआईजी ने पूरे रेंज की पुलिस को हाईअलर्ट के निर्देश दिए हैं। पुलिस की टीमें यह भी जांच करेंगी कि किन खिलाड़ियों ने कब और कितने कारतूस खरीदें।
शस्त्र विक्रेता को यह रखना होगा ब्योरा
कारतूस तस्कारी कांड के सामने आने के बाद शस्त्र विक्रेताओं पर भी सख्ती कर दी है। उन्हें दो टूक बता दिया गया है कि एसडीएम व सीओ की एनओसी के बगैर एक कारतूस भी दुकान से बाहर नहीं जाना चाहिए। इसके अलावा किसे कितने कारसूत बेचे, उसके शस्त्र के संबंध में भी अब शस्त्र विक्रेता को पूरा ब्योरा रखना होगा।

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