हंगामे के बाद टल गए चुनाव, नगर निगम सफाई कर्मचारी संघ मेरठ के आज शुक्रवार को होने वाले चुनाव हंगामे के बाद टल गए हैं। हंमामे के बाद सफाई कर्मचारी नेताओं व निगम के अधिकारियों के बीच हुई वार्ता के बाद तय हुआ कि अब शिव रात्री के उपरांत चुनाव कराए जाएंगे। साथ ही यह भी कि आउट सोर्स के जो कर्मचारी निगम में काम कर रहे हैं उनको मतदान का अधिकार नहीं मिलेगा। वार्ता से पहले शुक्रवार की सुबह सफाई मजदूर संघ का चुनाव रद्द होने पर नगर निगम में बवाल मच गया। मतदान की प्रक्रिया होते ही निगम के अधिकारियों ने अड़ंगा लगा दिया, जिस पर कर्मचारियों ने निगम के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी। मामला तूल पकड़ा तो पुलिस और आरएएफ को भी बुलाना पड़ा। निगम में सफाई मजदूर संघ के चुनाव की प्रक्रिया 15 दिन से चल रही थी। 30 जून को मतदान होना तय हो गया था, जिसमें 3160 कर्मचारी मतदान करेंगे। वहीं, तीन दिन पहले निगम के अधिकारियों ने सफाई कर्मचारियों के उम्मीदवारों को अपने कार्यालय में बुलाकर कहा कि नगर निगम की बिल्डिंग में मतदान नहीं होगा। जिस पर कर्मचारियों ने नाराजगी जताई। निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस चुनाव में आउटसोर्स कर्मचारी भी शामिल हैं। जोकि निगम के कर्मचारी नहीं है। इसको लेकर तीन दिन से नगर निगम और सफाई कर्मचारियों के बीच तनातनी थी। वहीं, शुक्रवार सुबह आठ बजे से मतदान की प्रक्रिया कराने के लिए उम्मीदवार निगम में पहुंच गए। जिस पर नगर निगम के अधिकारियों ने उनको रोक दिया। इस पर कर्मचारियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा तो थाना देहली गेट की पुलिस मौके पर पहुंच गई। इसके बाद कर्मचारियों ने सफाई व्यवस्था ठप करने के साथ-साथ निगम में आत्मदाह करने का एलान कर दिया।वहीं, मामला गरमाने लगा तो निगम के अधिकारियों को आरएएफ बुलानी पड़ गई। अब नगर निगम के अधिकारियों और सफाई मजदूर संघ के उम्मीदवारों के बीच वार्ता हुई इस वार्ता में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरेन्द्र सिंह, सहायक नगरायुक्त प्रमोद कुमार, वरिष्ठ कर्मचारी नेता विनेश मनोठिया के अलावा करीब दर्जन भर कर्मचारी नेता भी शामिल रहे। विनेश मनोठिया ने बताया कि नगरायुक्त को आउटसोर्स कर्मचारियों को चुनाव का अधिकार देने में आपत्ति है। उनका तर्क है कि आउटसोर्स के कर्मचारी निगम के नहीं है। केवल स्थायी कर्मचारी जिनकी संख्या लगभग 670 है वो ही चुनाव में भाग ले सकते हैं। आउट सोर्स के करीब 2415 कर्मचारियों को मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया गया है। लेकिन विनेश मनोठिया का कहना है कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए अलग से चुनाव कराए जाएंगे, लेकिन चुनाव के बाद जो कमेटी बनायी जाएगी वो एक ही होगी। वहीं दूसरी ओर आउटसोर्स कर्मचारियों ने चुनाव में भाग निगम के स्थायी कर्मचारियों के साथ चुनाव में भाग लेने से रोकने पर असंतोष जताया है। उनका कहना है कि निगम प्रशासन नहीं चाहता कि आउटसोर्स के कर्मचारी लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयाेग करें, क्योंकि यदि चुनाव में भाग लिए तो निगम प्रशासन को डर है कि आउटसोर्स कर्मचारी अपनी मांगों के लिए आवाज उठाएंगे। वहीं विनेश मनोठिया ने बताया कि शिव रात्री के बाद ही चुनाव कराए जाएंगे।