सेटिंग है तो फिर नक्शे की क्या जरूरत

सेटिंग है तो फिर नक्शे की क्या जरूरत
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सेटिंग है तो फिर नक्शे की क्या जरूरत, मेरठ विकास प्राधिकरण में सेटिंग है तो फिर ना तो जेसीबी से डरने की जरूरत है और ना ही अवैध निर्माण रोकने के लिए ध्वस्तीकरण की बात करने वाले अफसरों से। क्योंकि सेटिंग के आगे सारे कायदे कानून घुटने टेकते नजर आते हैं। ऐसास ही एमडीए के  के जोन डी 2 में किला रोड करीब बीस हजार वर्ग मीटर में बिना मानचित्र बिना मेरठ विकास प्राधिकरण से स्वीकृत कराए अवैध तरीके से मंडप फार्म हाउस शादी का रिसॉर्ट का निर्माण रात दिन धडल्ले से चल रहा है। हैरानी तो इस बात की है कि पूरे शहर को यह नजर आ रहा है लेकिन इलाके के जेई इससे अनजान बने हैं। अवैध रूप से बनाए जा रहे  मण्डप पर सील की करवाई करने को तैयार नहीं है। बल्कि अभियंता सचिव जोनल अधिकारी अर्पित यादव मुख्यमंत्री पोर्टल पर अवैध निर्माण की शिकायत का भी फर्जी निस्तारण करके फर्जी आख्या लगाकर यह दिखाया जाता है। कि वहां पर कोई भी अवैध निर्माण नहीं कराया जा रहा है।  आरोप है कि इससे पहले भी इलाके के जेई पर तमाम  ऐसे अवैध निर्माण करा कर फर्जी आईजीआरएस निस्तारण के आरोप लग चुके हैं। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि  अभियंता सीएम  योगी आदित्यनाथ और मेरठ विकास प्राधिकार के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। अभियंता बेखोफ होकर मोटी रकम अवैध निर्माण करने पर तुला है। जानकारों का कहना है कि यदि नागर हॉस्पिटल वाले अमित नगर के फार्म हाउस मंडप की तो मेरठ विकास प्राधिकरण को अगर इसकी कंपाउंडिंग कराई जाए तो करीब 50 लाख रुपए से भी ज्यादा का फायदा मेरठ विकास प्राधिकरण के राजस्व को हो सकता है। पर अभियंता  ऐसा करने को बिल्कुल तैयार नहीं है। क्योंकि अभियंता पहले अपनी जेब में भरकर अवैध निर्माण करा कर मेरठ विकास प्राधिकरण को भ्रष्टाचार का नाम देने पर तुला है।अगर अभियंताओं से अवैध निर्माण के बारे में जानकारी ली जाती है तो वह सीधा बोलते हैं कि जोनल अधिकारी अर्पित यादव के संरक्षण में चल रहा है इस निर्माण पर हम कोई भी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। इस बात से यह प्रतीत होता है। कि मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव जोनल अधिकारी और भ्रष्ट अभियंता और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपनी सेटिंग कर अवैध निर्माण करा रहे हे। अ करीब 5 महीने से यह अवैध निर्माण लगातार बराबर चल रहा है। अभियंता  इस मंडप पर सील के आदेश नहीं कर पाए। कुछ तो वजह होगी जो अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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