सजा के बाद जेल में पहली रात इजलाल व शीबा ने काटी जाग कर

सजा के बाद जेल में पहली रात इजलाल व शीबा ने काटी जाग कर
Share

सजा के बाद जेल में पहली रात इजलाल व शीबा ने काटी जाग कर,  आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद जेल में इजलाल व शीबा की पहली रात जागकर कटी। हालांकि गुदडी के  तिहरे हत्याकांड में आजीवन सजा पाने वाले हाजी इजलाल कुरैशी व बाकि आठ अन्य आजीवन सजा याफ्ता अन्य कैदियों की बैरक में रहेंगे। हालांकि सोमवार की रात इजलाल व बाकि अन्य की रात जेल की मुलाहजा बैरक में गुजरी। सोमवार की शाम को एंटी करप्शन कोर्ट के जज पवन कुमार शुक्ला द्वारा शीबा सिरोही व इजलाल अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद जब  इजलाल कुरैशी, अफजाल, महराज, कल्लू, इजहार, मन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा, वसीम, रिजवान, बदरुद्दीन को कड़ी सुरक्षा के बीच कहचरी से जिला कारागार पहुंचा दिया गया तो बताया जाता है कि जेल के गेट पर या बाकि स्टाफ में तो कोई खास सुगबुगाहट या उत्सुकता नहीं देखी गयी। हालांकि मेरठ जेल में लंबा अरसा गुजारने वाले इजलाल को पूरा स्टाफ पहचानता है। एक आध ने जरूर पूछा कि क्या रहा तो सिर्फ इतना आजीवन कारावास इतना कहकर मुलायजा बैरक की ओर बढ़ गया। हालांकि बैरक की ओर जाने से पहले कुछ कागजी कार्रवाई की गयी। उसके बाद मुलाहजा तक जा पहुंचे। सूत्रों ने जानकारी दी है कि जिनसे अच्छी दुआ सलाम है उन्होंने पहुंचते ही इजलाल को घेर लिया। कोर्ट में क्या हुआ उसको लेकर सभी के मन में तमाम सवाल थे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं कि क्या कहा, लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि इजलाल व अन्य ने सोमवार को जेल से निकलने से लेकर सेशन हवालात में रखे जाने और वहां से कोर्ट रुम तक जाने तक जो कुछ घटनाक्रम हुआ उसी की जानकारी दी होगी। सजा सुनाने में तो ज्यादा देर का वक्त नहीं लगा।

नहीं खाया खाना

सजा सुनाने के बाद कोर्ट से जिस वक्त इजलाल व शीबा जेल पहुंचे उसके कुछ देर बाद वहां कैदियों के लिए खाना पहुंचना शुरू हो गया7 बताया जाता है कि इजलाल ने अपनी डाइट तक नहीं ली। बताया गया है कि जब मुलाहजा के बाकि के बंदियों ने बैरक बंद होने के बाद रात का अपना खाना शुरू किया तो इजलाल को जबरन अपने साथ बैठा लिया। अनमने ढंग से एक दो कोर खाकर इजलाल वहां से उठ गया। इजलाल के साथ बाकि जिनको सजा हुई है उन्होंने भी आध अधूरा ही खाना खाया।

वारंट के बाद बदली जाएगी बैरक

एसपी जेल विशेष कुमार शर्मा ने बताया कि सजा पाए सभी कैदियों की सजा के बाद जेल में पहली बार सामान्य बंदी जो मुलाहजा बैरक में रखे गए थे उन्हीं के साथ गुजरी है। उन्होंने बताया कि सजा पाने वालों को कोर्ट से एक वांरट आता है। वो वारंट या तो आज शाम या फिर बुधवार की सुबह आ जाएगा। कोर्ट से सजा का आर्डर जिसको वारंट बोला जाता है उसके बाद ही मुलाहजा बैरक से इन्हें दूसरी बैरक में शिफ्ट किया जाएगा।

रौनक बढ़ेगी आजीवन सजा याफ्ता बैरक की

जिला काराबार में आजीवन सजा याफ्ता फिलहाल 106 बंदी पहले से हैं। इजलाल व अन्य के पहुंचने के बाद 1 यह संख्या बढ़कर 114 हो जाएगी। जेल अधीक्षक ने बताया कि बैरक में शिफ्ट होने के बाद ही इनको सामान्य कपड़ों की जगह जो कपड़े इन्होंने अभी पहने हुए हैं उनको बदलवा कर खास तरह के कपड़े दिए जाएंगे जो आमतौर पर आजीवन सजा याफ्ता बंदियों को दिए जाए जाते हैं।

गुमसुम बैठी रही शीबा

अदालत से जेल तक का सफर शीबा सिरोही ने इजलाल व उसके साथियों के साथ पुलिस की बंदियों को लाने ले जाने वाली गाड़ी में तय किया। वहां से उसको महिला बैरक में ले जाया गया। पता चला है कि महिला बैरक में जो उसके करीब की महिला बंदी थीं उन्होंने पहुंचते ही शीबा को हाथों हाथ लिया। उससे पूछा कि क्या रहा। बताया जाता है कि यह सुनते ही वह सुबकने लगी। उसको किसी प्रकार संभाला गया। उसने खाना भी नहीं खाया। रात भर गुमसुम बैठी रही। हालांकि मंगलवार सुबह उसने चाय जरूर ली।

वर्जन 

चौधरी चरण सिंह जिला कारागार के अधीक्षक विशेष कुमार शर्मा ने बताया कि सोमवार की रात सजा याफ्ता सभी बंदी मुलाहजा बैरक में रखे गए। उनके खाने व डाइट का जहां तक सवाल है तो सामान्य बंदियों वाली डाइट दी गई। उन्होंने कितना खाया इसका लेखा जोखा उनको आजीवन कारवास वाले बंदियों के साथ रखने के बाद रखा जाएगा। स्वास्थ्य की नियमित जांच करायी जाएगी। 

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *