डा. कविता के बचाव में – IMA,
मेरठ।
करिश्मा मौत मामले में नामजदगी के बाद सोमवार को आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) डा. कविता के बचाव में खुलकर उतर आया है। आईएमए सचिव डा. सुमित उपाध्याय ने डा. कविता पर की गई प्रशासन व पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि डा. कविता का रोल पूरे मामले में सुरक्षित डिलीवरी तक है। कैपिटल हॉस्पिटल की जहां तक लिफ्ट का सवाल है तो वो देखने का काम हॉस्पिटल संचालक या वहां के मैनेजर का है। किसी भी नर्सिंगहोम में डाक्टर केवल अपने मरीज तक सीमित होते हैं। वहां के उपकरणों की जांच पड़ताल नहीं करते। आईएमए सचिव ने डा. कविता के खिलाफ एफआईआर को गैर जरूरी बताते हुए कहा कि इससे आईएमए में सख्त नाराजगी है। डा. कविता आईएमए के सदस्य हैं। उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर वापस ली जानी चाहिए। यदि डा. कविता के खिलाफ पुलिस प्रशासन के स्तर से कोई कार्रवाई की जाती है तो फिर आईएमए सड़कों पर उतरने को बाध्य होगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
हाॉस्पिटल में रैम्प पर अफसरों को घेरा
डीएम की जांच कमेटी ने सोमवार को कैपिटल हॉस्पिटल पहुंचकर 26 पाइंटों का उल्लेख करते हुए हॉस्पिटल के संचालक से जवाब देने को कहा है। इसमें एक बिंदू कैपिटल हाॉस्पिटल में रैम्प ना होने को लेकर है। आईएमए सचिव डा. सुमित उपाध्याय का सवाल है कि जिला अस्पताल सरकारी है। प्रतिदिन सैकड़ों मरीज भर्ती होते हैं दर्जनों का आॅपरेशन होता है क्या उसमें रैम्प है। जितनी भी सीएचसी है जहां मिनी आॅपरेशन थियेटर हैं क्या उनमें रैम्प है। इसके अलावा एलएलआरएम मेडिकल के रैम्प को उन्होंने मौत के कुंए की संज्ञा दी। चस्पा किए नोटिस में कई बिंदुओं को गैर जरूरी बताया।