कनाडा के लोकतंत्र के लिए भारत को बताया खतरा

कनाडा के लोकतंत्र के लिए भारत को बताया खतरा
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कनाडा के लोकतंत्र के लिए भारत को बताया खतरा,  कनाडा के सिनेटरों ने अपने देश के लोकतंत्र के लिए भारत को बड़ा खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री जस्टिन टूडों को आगाह किया है, उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार की सावधानी चीन को लेकर बरती जा रही हैं वैसे ही भारत को लेकर भी बरती जाए. एक ओर भारत का विश्व में डंका बजने का दावा दूसरी ओर कनाडा के सिनेटरों का भारत को लेकर ख्याल अंदाजा लगाया जा सकता है कि विश्व बिरादरी में क्या हालात बनाकर रख दी गयी है. कुछ नेशनल व इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कनाडा के सिनेटरों ने अपने देख के लिए  चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा विदेशी खतरा है. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार विदेशी हस्तक्षेप के मामले को ‘बहुत गंभीरता’ से लेती है. कनाडा के  नेशनल सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस कमेटी ऑफ पार्लियामेंटेरियंस (NSICOP) की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब भारत-कनाडा संबंध अब तक के सबसे ख़राब दौर से गुजर रहे हैं. यह भी कहा गया है कि  भारत के ‘विदेशी दखल के प्रयास धीरे-धीरे बढ़े हैं’ और कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों का मुकाबला करने से कहीं आगे जा रहे हैं.बीते मंगलवार को जब यह मामला हाउस ऑफ कॉमन्स में उठाया गया तो ट्रूडो ने कहा, ‘यह सरकार इसे बहुत गंभीरता से ले रही है.’ रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘समीक्षाधीन अवधि के शुरुआती चरण में पाकिस्तान ने भी लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं को निशाना बनाया.’ इसने यह भी कहा कि चीन, भारत, पाकिस्तान और ईरान ‘अंतरराष्ट्रीय दमन’ में शामिल हैं. इसमें पिछले साल 18 सितंबर को ट्रूडो द्वारा दिए गए बयान का हवाला दिया कि 18 जून, 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में खालिस्तानी कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारतीय एजेंटों के बीच संभावित संबंध के ‘विश्वसनीय आरोप’ थे. निज्जर को भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया था.

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