भारत नहीं ईरान या मिश्र

kabir Sharma
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नई दिल्ली। अक्सर जहन में यह सवाल उठता है कि दुनिया में मानव सभ्यता का विकास सबसे पहले कहां हुआ था। मानव कैसे विकसित हुआ है इसकी थ्यौरी तो अलग है, लेकिन मानव के विकसित होने के बाद सभ्यता के विकास की जब बात आती है तो उसकी शुरूआत कैसे हुई और कौन से देश को इसकी जननी माना जाता है, इसको लेकर अक्सर जहन में सवाल उठता है। दुनिया का सबसे पहला और पुराना देश कौन सा है इसको लेकर अलग-अलग राय रखी जाती है,लेकिन जो साक्ष्य मिलते हैं उनके उनके मुताबिक विश्व में मानव सभ्यता का उदय एशिया में हुआ। एक इंटरनेशनल रिपोर्ट की मानें तो मानव सभ्यता का विकास ईरान में सबसे पहले हुआ था। यहां आपको यह भी याद दिला दें कि जिस वक्त ईरान में मानव सभ्यता अंगडाई ले रही थी, उस वक्त भारत वर्ष वो देश था जिसकी सीमाएं ईरान से मिलती थीं, रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि तब तक भारत में जितनी तेजी से ईरान जिसको पार्सिया या बाद में फारस कहा जाने लगा, उतनी तेजी से नहीं विकसित हुई थी।

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दुनिया के सबसे पुराने देश होने का गौरव भारत के हिस्से में नहीं आता। पुरातत्ववेताओं और तमाम खोजों ने दुनिया का सबसे पुराना या कहे पहला देश होने का दर्जा ईरान या फिर मिश्र को दिया है। यह बात सही है कि यदि ईरान दुनिया का सबसे पहला देश है तो उसका पड़ौसी देश होने का गौरव भारतवर्ष के हिस्से में आता है। यह बात पुरातत्ववेता कथा और कहानियों के आधार पर नहीं बल्कि खोजों के आधार पर बता रहे हैं। भारतवर्ष की बात करें तो आज से करीब पांच हजार साल पहले भारत वर्ष की सीमाएं ईरान तक मिला करती थी। महाभारतकालीन इतिहास में इसका पुख्ता प्रमाण हैं। गांधारी कांधार नरेश की पुत्री थीं। लेकिन प्रथम देश होने का गौरव भारत के हिस्से में पुरातत्ववेता नहीं देते हैं। वो तमाम खोजों का हवाला देते हुए कहते हैं कि या तो ईरान या फिर मिश्र दुनिया के सबसे पुराने देश हैं।सबूत हैं चार हजार साल पुरानेईसा से 32 सौ साल पूर्व ईरान

ईरान ही नहीं कुछ विशेषज्ञाें की मानें तो मानव सभ्यता का विकास सबसे पहले मिश्र में हुआ था। नील नदी के किनारे बसे इस देश को दुनिया का पहला मुल्क होने को लेकर अनेक पुरातात्विक सवेक्षण आ चुके हैं। इसके पीछे खासतौर से मिश्र के पिरामिडों की मिसाल दी जाती है। उस वक्त दुनिया में विज्ञान और तकनीक नाम की कोई चीज नहीं हुआ करती थी, उसके बाद भी मिश्र के लोगों ने पिरामिडों की रचना की जो दुनिया के सात अजुबों में शुमार किए जाते हैं। मिश्र को ईसा से करीब 3150 साल पुराना वो स्थान बताया जाता है जहां मानव सभ्यता जन्म ले चुकी थी और तेजी से अपने विकास की ओर बढ़ रही थी। ईरान को मानव सभ्यता का पिता माना जाता है। यह बात अलग है कि आधुनिकता और विकास खासतौर से वैज्ञानिक विकास की बात करें तो वर्तमान में ईरान के हालात काफी अलग हैं, लेकिन ऐसे पुरातत्ववेदा बड़ी संख्या में हैं जो कहते हैं कि ईरान में ईसा से करीब चार हजार साल पहले मानव सभ्यता व शहर विकसित थे। ईरान को मानव सभ्यता की जननी माना जाता है।

नासा व अन्य वैज्ञानिक ऐजेन्सियां ईरान का अस्तित्व ईसा से चार हजार साल पुराना बताती हैं, हालांकि कहा तो यह जाता है कि ईसा से भी करीब दस हजार साल पहले ईरान में शहर और सभ्यता अंगडाई ले चुकी थी। ईरान दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। छठी शताब्दी ईसा पूर्व में साइरस महान ने हख़ामनी साम्राज्य की स्थापना की जो इतिहास के सबसे बड़े साम्राज्यों में से एक बना। चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में सिकंदर ने इस साम्राज्य को परास्त कर दिया। यूनानी राज के बाद इस पर पहलवी तथा सासानी साम्राज्यों का राज रहा। जो पुराने कबिले हुआ करते थे वो गांव व शहरों में तब्दील हो चुके थे। करीब चार हजार साल पहले ईरान में शहरों की मौजूदगी के प्रमाण तो अभी भी मौजूद हैं। वहां शहरी सभ्यता जन्म ले चुकी थी। बाद में बड़ा साम्राज्य वहां खड़ा हो चुका था जिसको आधुनिक सभ्यता का पिता माना जाता है। ईरान में कभी एक शक्तिशाली और बेहद विकसित मानव सभ्यता हुआ करती थी।

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