कारी शफीकुर्रहमान बोले 1947 से हम ईद पर सड़क पर नमाज पढ़ते आ रहे हैं

मेरठ/ जुम्मे की नमाज के बाद कोतवाली स्थित शाही जामा मस्जिद में कारी शफीकुर्रहमान ने तकरीर करते हुए कहा रमजान के दौरान इस्लाम के मानने वाले लोगों ने रोजे रखे। इबादत की और बुराईयों से दूर रहे। रमजान के बाद इसे आगे जारी रखें। इस दौरान मीडियो से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि कहा महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ में कई जगह आवागमन बाधित रहा कई मार्ग बंद रहे। वहीं ईद पर हमें कुछ मिनटों के लिए सड़क पर नमाज पढ़ने से रोका जा रहा है। मुकदमा और पासपोर्ट जब्त करने की चेतावनी दी जा रही है। 1947 से हम ईद पर सड़क पर नमाज पढ़ते आ रहे हैं। कारी शफीकुर्रहमान ने कहा कि इसी तरह वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने अलविदा जुमे की नमाज में काली पट्टी बांधने की अपील की थी। यह शांति पूर्ण प्रदर्शन है। इस पर भी पुलिस लोगों पर मुकदमे का दबाव बना परेशान कर रही है। यह न इंसाफी है। शहरकाजी डा. जैनूस सालिकीन ने कहा कि ईद की नमाज पौने आठ बजे शाही ईदगाह में होगी। कहा इस्लाम में इबादत के साथ अखलाक (अच्छे आचरण) पर जोर दिया जाता है। यही कारण है कि हमारे नबी मोहम्मद साहब को दुनिया की सबसे बड़ी 100 शख्सियतों में नंबर एक पर रखा जाता है। यह जीवन में उनके ईमान, त्याग, सब्र आदि गुणों के कारण होती है। उन्होंने कहा कहा पिछले दिनों मेरठ की आवाम के सामने पेचीदा हालात आए। जिसे मिलजुल कर सुलझाया गया। इसी तरह आगे भी हमें हर समस्या का हल निकालना होगा।
काली पट्टी बांध कर पहुंचे जामा मस्जिद