जाग्रति संस्थान का भव्य आयोजन, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से नववर्ष की बेला पर मेरठ में दिल्ली रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में भव्य धार्मिक आयोजन व भजन संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नववर्ष का महत्व व उपयोगिता पर प्रकाश डाला। इसमें बड़ी संख्या में दूरदराज से आए श्रद्धालुजन शामिल हुए। ज्ञानवर्धक प्रवचनों व भजनों के माध्यम से भारतीय नववर्ष के महत्व को भी उजागर किया गया। शुभारंभ विरेन्द्र अग्रवाल उपाध्यक्ष सरस्वती शिशु मंदिर व राकेश गुप्ता विद्या भारती विद्यालय ने किया। संस्थान की मेरठ शाखा की अध्यक्ष साध्वी लोकेश भारती जी ने बताया कि भारतीय संस्कृति का नववर्ष 1 जनवरी नहीं अपितु चैत्र के शुक्ल पक्ष की प्रतिप्रदा को मनाया जाता है। 1 जनवरी को मनाया जाना वाला ग्रेरियन कलैक्डर विज्ञान पर आधारित नहीं है, जबकि भारतीय कैलेंडर विज्ञान सूर्य व चंद्र पर आधारित है। प्राचीन ज्योतिष व खगोलीय गणना के लिए पूरी दुनिया में भारतीय कैंडर को ही विश्वसनीय आधार माना जाता है। जहां तक 1 जनवरी को नववर्ष मनाने का प्रश्न है तो इन दिनों कडाके की ठंड़ रहती है। प्रकृति भी बेजान सी रहती है जबकि भारतीय नववर्ष यानि चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिप्रदा जब आती है तो चारों ओर प्रकृति हरी भरी व खुशहाल तथा चहल पहल भरी नजर आती है। हर ओर आनंदोत्सव होता है। इसलिए भारतीय नववर्ष ही उत्तम है। मंच पर आसीन दिव्य गुरू आशुतोष जी महाराजा की शिष्याओं ने प्रेरणादायी गीतों व भजनों द्वारा वर्तमान पीढ़ी को भारत की समृद्ध वैाज्ञानिक, सांस्कृति व आध्यात्मिक विरासत से अवगत कराया। इस भव्य आयोजन में दिव्य जाग्रति संस्थान ने सभी अतिथियों को भव्य भारतीय संस्कृति की विशालता से भी अवगत कराया। भजन संध्या के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। सभी आनंदपूर्वक भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एक आध्यात्मिक व सांस्कृतिक संस्थान है, जो अंतराष्ट्रीय स्तर पर विश्व शांति तथा सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए प्रयासरत है। संस्थान के द्वारा जेल में बंद बंदियों के सुधार के लिए भी अनेक प्रकल्प चलाए जा रहे हैं।