जमीन पर वाकई भगवान है डाक्टर

जमीन पर वाकई भगवान है डाक्टर
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जमीन पर वाकई भगवान है डाक्टर, जमीन पर वाकई भगवान है डाक्टर। यह बात कोई हवा में नहीं है। कई बार यह बात साबित भी हुई है। मेरठ के  एलएलआरएम मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा. वीडी पाण्डेय ने बताया कि मेडिकल कालेज के न्यूरोसर्जरी विभाग एवं स्त्री एवम प्रसूति रोग विभाग नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। मेरठ के हस्तिनापुर की  स्वाति उम्र 27 वर्ष  सितंबर 2022 में दिमाग की नस फट जाने के कारण ब्रेन हेमरेज से ग्रसित हो गई थी , वह  3 माह से गर्भवती भी थी उनको मेडिकल में डॉ. अमनजोत सिंह न्यूरो सर्जन तथा डॉ. बंदना धामा के अधीन भर्ती कराया गया।  एमआरआई से पता चला कि उनकी दिमाग की एक नस फट गई और ब्रेन हेमरेज हो गय। डॉ. अमनजोत ने दिमाग की सर्जरी क्रेनियेक्टोमी की सलाह दी ताकि जमा खून निकालकर ब्रेन को बचाया जा सके।  न्यूरो सर्जरी की टीम के सामने चुनौती यह थी की गर्भ में पल रहे बच्चे को भी बचाना था ब्रेन के ऑपरेशन के दौरान मरीज और गंभीर हो सकता था जिससे मां और बच्चे दोनों के जान का खतरा था परंतु डॉक्टर अमनजोत एवं उनकी टीम ने सूझबूझ के साथ सफल ऑपरेशन किया जिससे बाद स्वाति स्वस्थ हो गई और उनकी छुट्टी कर दी गई। 11 मार्च को स्वाती को प्रसव पीड़ा शुरु हुयी तब मरीज को स्त्री एवम प्रसूति रोग विभाग में डॉ कोमल रस्तोगी एवम डॉ रचना चौधरी अधीन भर्ती कराया गया। डॉ. रस्तोगी ने बताया कि हमारे सामने चुनौती यह थी की ऑपरेशन के दौरान मरीज को झटके आ सकते थे, मरीज कोमा में जा सकती थी एवं गंभीर रूप से बीमार हो सकती थी लेकिन एनएसथीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुभाष दहिया और मैंने चुनौती को स्वीकार किया।  डॉ कोमल रस्तोगी, डॉ रचना चौधरी सर्जन, एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर सुभाष दहिया, डा सुधीर धामा एवं उनकी टीम ने ऑपरेशन द्वारा प्रसव करा एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया तथा मरीज की जान बचाई। जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ हैं और उनकी छुट्टी कर दी गई है। प्रधानाचार्य डा आर सी गुप्ता ने डॉ कोमल रस्तोगी, डॉ रचना चौधरी,‌ डॉक्टर सुभाष दहिया, डॉ सुधीर धामा एवं उनकी टीम को इस जटिल एवम चुनौती पूर्ण केस की सफलता के लिए बधाई दी।

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