बनती नजर आ रही है ज्वेलरी पार्क बात

बनती नजर आ रही है ज्वेलरी पार्क बात
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बनती नजर आ रही है ज्वेलरी पार्क बात,

मेरठ विकास प्राधिकरण के प्रोजेक्शन हाल में एक सभा मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन, मेरठ जेम्स एंड ज्वेलरी फेडरेशन, राइट्स कंपनी एवं मेरठ विकास प्राधिकरण के बीच हुई इस बैठक में राइट्स कंपनी द्वारा ज्वेलरी पार्क/ फैक्ट्री फ्लैट्टेड कंपलेक्स के संबंध में प्रेजेंटेशन दिया गया। राइट्स कंपनी की तरफ से आशीष  ने प्रेजेंटेशन देते हुए प्लान A और प्लान B दो प्रारूप सभा में रखें। प्लान A में छोटी बड़ी 196 यूनिट्स बनाने की बात की गई। जिसमें लगभग 63500 स्क्वायर मीटर कवर्ड एरिया बनाने की बात रखी गई। इसी प्रकार प्लान B में 214 यूनिट्स बड़ी और छोटी सभी मिलकर बनाने का प्रारूप रखा गया। जिसमें लगभग 64,500 स्क्वायर मीटर जगह बना कर देने के लिए कहा गया। यह भवन बेसमेंट पार्किंग के साथ 5 फ्लोर 1.4 F A R का उपयोग करते हुए बनाने का प्रस्ताव है। इसमें एक ही गेट से एंट्री होगी उसके बाद कारीगर और आभूषण निर्माता कारखानेदार अंदर जा सकेंगे। सभी सुरक्षा मानकों का इसमें ध्यान रखा गया है।
साथ में कॉमन फैसिलिटी सेंटर ,बैंक, कस्टम ऑफिस, गार्ड रूम, पॉवर बैकअप सप्लाई, गैस सप्लाई , एयर पाइप लाइन, ETP, STP, gold locker room, आदि सुविधाएं होंगी। जिसका उद्देश्य लोकल को प्रमोट करने के साथ साथ पारंपरिक रुप से मेरठ में बनने वाली लाइट weight jewellery कारीगरों को ऑर्गनाइज सेक्टर में ले जाना, कारीगरों की लिविंग फैसिलिटी बढ़ाना , जिससे आने वाली पीढ़ी इस काम में लग सके, MSME से सभी को बढ़ावा देना, जिससे ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हो। ग्रीन बिल्डिंग डिजाईन होगी, इको फ्रेंडली मैटेरियल होगा, कंटेंपरेरी आर्किटेक्चर होगा, एडवांस टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन होगा। इस अवसर पर अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से कहा कि, यहां पर कारीगरों के आभूषणों को बाहर पहुंचने के लिए लॉजिस्टिक के लिए भी स्पेस आवश्यक रूप से होना चाहिए। इस अवसर पर संरक्षक राजेंद्र जैन ने बाहर से आने वाले बायर्स के लिए गेस्ट हाउस ब्लॉक अलग से बनाने की बात कही। महामंत्री विजयआनन्द अग्रवाल ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के नजदीकी ज्वेलर्स के लिए एक बड़ा कंपलेक्स अति आधुनिक सुविधाओं के साथ होना चाहिए। ताकि वर्कशॉप और रिटेल शोरूम एक दूसरे के पूरक के रूप में कार्य करेंगे। ऋषभ महेश्वरी ने कहा कि, इन सभी ब्लॉकों का निर्माण इस प्रकार से होना चाहिए कि अगर किसी व्यक्ति को दूसरे ब्लॉक में जाना है तो भी वह चेकिंग प्रक्रिया से होकर ही गुजरे। मनोज गर्ग ने कहा कि हमारे इस प्रोजेक्ट में FAR निशुल्क बढ़ाई जानी चाहिए। अमित अग्रवाल ने बताया कि मुंबई में भी इसी तर्ज पर ज्वेलरी पार्क का निर्माण हो रहा है और उसमें स्पेस कम दरों पर एवं अनेकों सुविधाओं के साथ जैसे जीएसटी में सब्सिडी, बिजली के बिल में छूट, कम दर पर लोन, आदि की व्यवस्था है।
अक्षत जैन ने बताया कि मुंबई में बन रही ज्वेलरी पार्क में पहली रजिस्ट्री करने पर स्टांप शुल्क में पूरी तरह छूट प्रदान की गई है। उपाध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने बताया कि, मुंबई की तर्ज पर ही यहां पर भी वर्कशॉप बनाने के लिए बिना किसी गारंटी के वर्किंग कैपिटल अथवा स्थाई निर्माण हेतु लोन दिए जाएं।
आज की इस बैठक में नरेश माहेश्वरी द्वारा यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया कि, हमारा सराफा बाजार सैकड़ो वर्ष पुराना है। लेकिन मेरठ विकास प्राधिकरण के आने के बाद हमारी सभी दुकान अनियमित घोषित करार दी गई। उन्होंने मांग करी कि सराफा बाजार, नील की गली, कागजी बाजार, कच्ची सराय, बाजार बजाजा, लाला का बाजार, पत्थर वालान, ठठेरवाड़ा, शीश महल, आदि में चल रही हमारी दुकान एवं वर्कशॉप को भू उपयोग चेंज करते हुए नियमित किया जाए।
आज की इस बैठक में मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे, टाउन प्लानर विजय सिंह राइट्स कंपनी की ओर से आशीष मेरठ जेम्स एंड ज्वेलरी फेडरेशन एवं मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन की ओर से राजेंद्र जैन, प्रदीप अग्रवाल, विजयआनन्द अग्रवाल, लोकेश अग्रवाल, अशोक रस्तौगी, मनोज गर्ग, नरेश महेश्वरी, दीपक जौहरी, अनुज जैन, अक्षत जैन, ऋषभ महेश्वरी, अमित अग्रवाल, मनोज वर्मा सहित अनेक सर्राफा व्यापारी मौजूद थे।

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