जंग के मैदान या शिक्षण संस्थान

जंग के मैदान या शिक्षण संस्थान
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जंग के मैदान या शिक्षण संस्थान, मेरठ के शिक्षण संस्थान लगता है जंग के मैदान बन गए हैं। कभी मेरठ कालेज तो कभी सीसीएसयू में फायरिंग व मारपीट की घटनाएं अब आम हो चली हैं। केवल सरकारी शिक्षण संस्थान ही जंग के मैदान नहीं बने बल्कि प्राइवेट शिक्षण संस्थान भी जंग में मैदान आए दिन बनते रहते हैं। इसमें सबसे ज्यादा बदनाम गंगा नगर स्थित एक शिक्षण संस्थान है। जहां के स्टूडेंट के रवैये को देखकर लगता है कि इस इंस्टीटयूट में पढाई के बजाए फायरिंग व मारपीट सिखाई जाती है। लेकिन यहां बात हो रही है सीसीएयू में हुई फायरिंग की वादात की। मेरठ के  चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय शुक्रवार को एक बार फिर फायरिंग से दहल उठा। एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण के दौरान आठ-दस युवक फायरिंग कर भाग निकले। घटना से गुस्साए छात्रों ने कुलपति कार्यालय पर हंगामा करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष हंस चौधरी का कहना है कि हमलावर जेल गए आरोपियों के साथी हैं। एक मार्च को कैंपस में 10-12 युवकों ने पूर्व संघ उपाध्यक्ष एवं एबीवीपी के पदाधिकारी हंस चौधरी पर हमला किया था। इस मामले में मेडिकल पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया था।वहीं शुक्रवार को हंस चौधरी और अन्य छात्र विवि के गेट के पास स्थित भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रहे थे। इसी बीच आठ-दस युवक वहां पहुंचे और धमकी देने लगे। कहासुनी बढ़ने पर आरोपी युवक गेट पर फायरिंग करते हुए भाग निकले। छात्रों का कहना है कि विवि के सिक्योरिटी गार्डों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश नहीं की। आए दिन विवि में अराजक तत्व फायरिंग करके भाग जाते हैं। घटना के विरोध में छात्रों ने कुलपति कार्यालय में हंगामा कर दिया है। वे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष हंस चौधरी का कहना है कि फायरिंग करने वाले पूर्व में हमला करने वालों के साथी हैं।

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