कभी सेना ने करा दी थी मुक्त, करोड़ों रुपए कीमत कीमत की बेशकीमती मछेरान मेहताब सिनेमा वाली भारत सरकार की जिस भूमि को सेना के जवानों ने अपनी जांबाजी से मुक्त करा लिया था। साल 2014 तत्कालीन सीईओ डीएन यादव ने सेना की मदद से मछेरान स्थित भारत सरकार की भूमि से कब्जाधारियों को खदेड़ दिया था। बाद में बोर्ड बैठक में मुक्त करायी गई भूमि पर इलाके के बच्चों के लिए पार्क बनाए जाने का निर्णय लिया गया। वहां काम भी शुरू करा दिया गया। इसके लिए करीब दस लाख का भुगतान भी ठेकेदार को कर दिया गया, लेकिन आरोप है कि इसी बीच सेटिंग-गेटिंग का खेल शुरू हो गया। बच्चें के लिए बनाए जा रहे पार्क का काम भी रोक दिया गया। मामला जेब भरने का था लिहाजा बोर्ड का प्रस्ताव डस्टबिन में पहुंचा दिया। जिसका नतीजा सभी के सामने हैं। भारत सरकार की करोड़ों रुपए कीमत की इस जमीन पर बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन की मदद से भूमाफियाओं ने कब्जा कर वहां मीट मार्केट बना दिया। मेरठ कैंट बोर्ड के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने उस पर कब्जा करा दिया। सरकारी जमीनों पर कब्जे कराने के लिए खासे बदनाम कैंट बोर्ड के ऐसे ही अधिकारियों की वजह से डायरेक्टर एसएन गुप्ता को उस वक्त लज्जित होना पड़ा था जब मछेरान अग्निकांड की जांच को आए एनएन गुप्ता मेरठ के तत्कालीन एसएसपी नितिन तिवारी से मिलने पहुंचे थे। तब नितिन तिवारी ने दो टूक कहा था कि कैंट बोर्ड के कर्मचारी इस कांड़ के लिए जिम्मेदार हैं, वो पहले कब्जे कराते हैं जब हटाने की बारी आती है तो अग्निकांड़ सरीखे वाक्ये होते हैं। डायरेक्टर एसएन गुप्ता के बाद एडिशन डीजी (कैंट) सोनम भी आग हादसे की जांच को नई दिल्ली से मेरठ आयी थीं, उन्हें भी इसी प्रकार के उलाहने सुनने को मिले। मेरठ कैंट बोर्ड का इंजीनियरिंग सेक्शन केवल भारत सरकार की करोड़ों रुपए कीमत की बेशकीमती भूमि पर अवैध कब्जे ही नहीं करा रहा है, बल्कि इनके कृत्य से एसएन गुप्ता व मेडम सोनम सरीखे रक्षा मंत्रालय के बड़े अधिकारी भी शर्मसार हुए हैं। मछेरान में भारत सरकार की जिस भूमि को सेना ने जाबांजी दिखाकर मुक्त कराया था, उसी जगह पर चल रहा अवैध मीट मार्केट कैंट बोर्ड के कुछ भ्रष्ट स्टाफ की वजह से मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है।