कन्याओं को समर्पित लोहड़ी उत्सव, श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने जाग्रित विहार में भव्य लोहड़ी महोत्सव मनाया गया। यह कार्यक्रम संस्थान के लिंग-समानता प्रकल्प ‘संतुलन’ के अंतर्गत आयोजित किया गया। जहां आज भी कई स्थानों पर लोहड़ी पर्व मात्र पुत्र के जन्म लेने पर मनाया जाता है, वहीं दूसरी ओर यह कार्यक्रम मुख्य रूप से कन्याओं को समर्पित किया गया। संस्थान की मेरठ शाखा की संयोजिका साध्वी लोकेशा भारती जी ने बताया कि भारत त्योहारों और सामाजिक-सांस्कृतिक मान्यताओं का केंद्र है और सूर्य का चलन उन्ही में से एक है । सूर्य के उत्तर की ओर बढ़ने को उत्तरायण कहा जाता है, जो कि सकारात्मकता का प्रतीक है | यह लोहड़ी, मकर सक्रांति, बैसाखी, बसंत पंचमी जैसे त्योहारों की शुरुआत का प्रतीक है और शुभ संकल्प लेने के लिए उपयुक्त समय माना जाता है | इस समय का अधिकतम लाभ उठाते हुए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के लिंग समानता प्रकल्प – संतुलन द्वारा ‘कन्या’ बचाओं’ मुहीम के अंतर्गत हर साल जनवरी माह में एक संवेदनशील अभियान चलाया जाया है । इस अभियान के माध्यम से बालिकाओं के महत्व व् मूल्य ,सेक्स चयनात्मक गर्भपात और लिंग भेदभाव जैसे विषयों पर समाज को जागरूक किया जाता है । लोहड़ी पर्व की बॉनफायर प्रथा को कार्यक्रम के अंत में आयोजित किया गया जिसमें सभी ने अखबारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों को कलमबद्ध किया और बॉनफायर में जलाकर उन बुराइयों को समाज से ख़त्म करने का संकल्प लिया | इस उत्सव का लक्ष्य कन्याओं का सौहार्द से स्वागत करना और आध्यात्म द्वारा उन्हें लिंग आधारित भेदभाव की बेड़ियों से आज़ाद करना रहा |दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एक अध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्थान है, जो पिछले चार दशकों से श्री आशुतोष महाराज जी के मार्ग दर्शन में अन्तराष्ट्रीय स्तर पर ब्रह्मज्ञान द्वारा विश्व शांति के महान लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु कार्यरत है I संस्थान के कई सामाजिक प्रकल्प हैं, जिनमें से एक प्रकल्प के अंतर्गत भारत की जेलों में कैदियों को सुधारने का कार्य किया जा रहा है, दूसरे प्रकल्प में नेत्रहीनों को रोज़गार दिया जा रहा है तथा अन्य प्रकल्पों में नारी सशक्तिकरण, गौ संरक्षण, वातावरण संरक्षण, नशा उन्मूलन, अभावग्रस्त बच्चों को शिक्षा प्रदान कराने जैसा कार्य, विशाल स्तर पर किया रहा है” |
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