काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी सर्वे पर हंगामा, काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफी मामले में एक पक्ष अदालत पहुंच गया। शनिवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पक्ष के वकीलों ने आपत्ति दाखिल कर कोर्ट कमिश्नर को बदलने की अर्जी दी है। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने प्रतिवादी के अधिवक्ताओं का आवेदन स्वीकार कर सुनवाई की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुन कर फैसला सुरक्षित कर लिया है। एक घंटे के अंदर फैसला सुनाया जाएगा। तब तक सर्वे से संबंधित अदालत का आदेश प्रभावी रहेगा। सर्वे कमिश्नर अजय कुमार मिश्र को बदले जाने की मांग को लेकर दाखिल किए वाद मामले में कोर्ट परिसर में काफी गहमागहमी रही। मसाजिद कमेटी की ओर से दाखिल किए गए वाद का अधिवक्ताओं के एक गुट ने विरोध किया। जमकर नारेबाजी की। मसाजिद कमेटी पक्ष ने सर्वे कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगाया है। शुक्रवार को भी सर्वे कमिश्नर और उनकी टीम का अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पक्ष के लोगों ने भारी विरोध किया था। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव व एखलाक अहमद ने कहा कि हम कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं। अधिवक्ता प्रतिवादी पक्ष ने बताया कि मैंने कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते हुए एक प्रार्थना पत्र उन्हें दिया कि आप का व्यवहार निष्पक्ष नहीं है। आप पार्टी के रूप में यहां कार्यवाही करने के लिए आ रहे हैं। आप पर मुझको कोई भरोसा नहीं है। चार बजे कमीशन की कार्यवाही शुरू हुई और पश्चिमी तरफ जो चबूतरा है, उसकी वीडियोग्राफी कराई गई है। उसके बाद कोर्ट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद के प्रवेश द्वार को खुलवा कर अंदर जाने का प्रयास किया, जिस पर मैंने अपना विरोध दर्ज करवाया। अधिवक्ता ने बताया कि मैंने कहा कि कोर्ट का इस तरह का कोई आदेश नहीं है की बैरिकेडिंग के अंदर जाकर आप उसकी वीडियोग्राफी कर सकें। अधिवक्ता आयुक्त ने कहा कि मुझे ताला खुलवाकर उसकी वीडियोग्राफी करने का आदेश है, जबकि ऐसा कोई आदेश कोर्ट द्वारा नहीं है।