बेगमपुल व सोफीपुर रूड़की रोड समेत कई जगह बेहद खतरनाक अवस्था में बिजली के खंबे

मेरठ। हरिद्वार व गंगोत्री से पवित्र गंगाजल लेकर महादेव को प्रसन्न करने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की कठिन यात्रा करने वाले कांवडिया मेरठ में प्रवेश के बाद कुछ स्थानों पर सिर पर मंडरा रही मौत के साए से होकर गुजरेंगे। यदि कुछ भी ऐसा होता है, तो उसके लिए वो अफसर (खासतौर से बिजली महकमे के) जिम्मेदार होंगे जो कांवड़ यात्रा इंतजाम में लगे हैं। दरअसल हो यह रहा है कि अनेक स्थानों पर कांवड़ यात्रा मार्ग पर बिजली के बडे़-बड़े खंबे बुरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। ऐसे खंबे नीचे से गल चुके हैं और करीब-गरीब गिराऊ अवस्था में हैं। ये किसी भी वक्त खासतौर से आंधी या तेज बारिश व हवा के दौरान गिर सकते हैं। इनकी इस कमी को बिजली विभाग के स्टाफ ने पन्नियां लगाकर ढक दिया है, लेकिन हमारे छायाकार आकाश कुमार व हमसे छिपा नहीं रह सका।
यहां नजर आए मौत के साए
कांवड़ यात्रा मार्ग पर कवरेज के दौरान अनेक स्थानों पर ऐसे पाइंट मिले जहां से मौत झांकती नजर आ रही है, लेकिन बिजली महकमे के अफसरों ने अपनी इस खामी को वक्त रहते बजाए दूर करने के उस पर नीली पन्नियां बांधकर ढक दिया है, लेकिन इसको महज ढ़के जाने भर से बात नहीं बनने वाली, जो किया जाना चाहिए था वो करने के बजाए जो नहीं किया जाना चाहिए बिजली वालों ने वह कर दिया है। होना तो यह चाहिए था कि जहां से बिजली के ये खंबे जर्जर अवस्था में हैं, वहां उसके ऊपर बैल्डिंग कराकर लोहे कि गिरिप करा दी जाती, ये ना करके ऐसे तमाम स्थानों पर बिजली अफसरों ने नीली पन्नियां चढ़वा दी हैं। बेगमपुल पर एक होटल के सामने ऐसा ही एक बिजली का खंबा है जो निचे से पूरी तरह से गल चुका है। इस खंबे के टॉप पर बिजली के तारों को जिनसे इस पूरे इलाके को कनैक्शन जा रहे हैं उनका भारी भार है, जिस अवस्था में यह खंबा है वह बेहद खतरनाक अवस्था में है, गिराऊ अवस्था में इसकी दशा देखकर होना तो यह चाहिए था कि जहां से यह लग चुका है, वहां पर लोहे की गिरिप लगा दी जाती, उसको बैल्डिंग कराकर मजबूत किया जाता लेकिन अपनी खामियों पर पर्दा डालकर इसको नीली पन्नियों से ढांप दिया गया है। इसी प्रकार रूड़की रोड पर पीएसी के नाले के समीप एक बिजली के खंबे के नीचे से जमीन पूरी तरह से मिट्टी हट गयी है। आसपास के लोगों ने बताया कि वक्त रहते इसकी शिकायत बिजली महकमें के अफसराें व इलाके बिजलीघर के स्टाफ से भी की जा चुकी है, लेकिन कोई तवज्जो नहीं दी गयी। यहां नीली पन्नियां बांधकर खामी पर पर्दा डालने का काम किया गया है। यदि इस प्रकार के बिजली के भारी खंबे यात्रा मार्ग के दौरान किसी भी कारण से गिर गए तो कितनी बड़ी हानी होगी इसका अंदाजा भर लगाने से भर से दिल कांप उठता है। इस ओर बजाए ध्यान देने के कांवड़ यात्रा इंतजामों में लगे अफसर इससे कन्नी काटते नजर आ रहे हैं। शहर के बेगमपुल इलाके में बने कंट्राेल रूम में पुलिस प्रशासन व दूसरे महकमों के अफसर घंटों कैंप करते हैं, जो खामियां उन्हें नजर नहीं आईं उन्हें हमारे कैमरामेन आकाश ने कैमरे में कैद कर लिया। यह वाकई बड़ी लापरवाही का मामला है। ऐसा नहीं कि इलाके के लोगों ने इसकी शिकायत नहीं की हो, लेकिन आपत्तिजनक यह है कि जानकारी दिए जाने के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, बल्कि खामी पर पर्दा डाल दिय है। इसीलिए आशंका व्यक्त की गई है कि मौत के साए से होकर कांवड़ियां गुजरेंगे।
तीखी प्रतिक्रिया की गई है व्यक्त
कैंट बोर्ड की निवर्तमान उपाध्यक्ष व भाजपा की बड़ी नेत्री बीना वाधवा ने इसको लेकर नाराजी व्यक्त की। उन्होंने बिजली अफसरों से आग्रह किया है जो कुछ बताया गया है, उसका संज्ञान लिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ भी अप्रिय होता है तो उसके लिए जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। व्यापार संघ के मंत्री अंकित मनु व अंकुर गोयल ने कहा कि यह गंभीर लारपरवाही का मामला है तत्काल इसका संज्ञान लिया जाना चाहिए। कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुनील वाधवा ने भी इसको लेकर संज्ञान लिए जाने की बात कही है। ऋषभ एकाडमी के सचिव डा. संजय जैन ने बताया कि वो इस संबंध में एमडी पीवीवीएनएल को पत्र लिखेंगे। पीएल शर्मा रोड के व्यापारी नेता अंकुर बंसल व बेगमपुल व्यापार संघ के अध्यक्ष पुनीत शर्मा ने भी इसको बिजली अफसरों की बड़ी लापरवाही की संज्ञा दी है।